China-US trade war: हाल ही में अमेरिका और ट्रंप के बीच ट्रेड वार गहराता जा रहा है. इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाटकीय नीतिगत बदलाव करते हुए कई देशों पर लगाए गए अपने व्यापक टैरिफ को 90 दिनों के लिए वापस ले लिया, लेकिन इस दौरान चीन को कोई राहत नहीं दी गई है.
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह फैसला चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 125 प्रतिशत करने के बाद की. क्योंकि चीन ने सभी अमेरिकी आयातों पर 84 प्रतिशत शुल्क लगाने का फैसला किया था. दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं द्वारा एक दूसरे पर लगाए गए ये कदम मौजूदा व्यापार युद्ध में नए शिखर पर पहुंच गए हैं. ऐसे में व्हाइट हाउस ने अपने दबाव को दोगुना करने का फैसला किया है, क्योंकि इसने देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि बदला न लें और आपको पुरस्कृत किया जाएगा.
ट्रंप ने अधिकृत किया 90-दिन का विराम
दरअसल, वैश्विक बाजार में मंदी की संभावनाओं के बीच बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अधिकतर देशों पर लगाए गए टैरिफ को तीन महीने (90 दिन) के लिए स्थगित करने का फैसला किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि उनका प्रयास अमेरिका और बाकी देशों के बीच के व्यापारिक टकराव को कम करते हुए केवल चीन पर ध्यान केंद्रित करने की ओर है.
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले के बाद बाद वैश्विक बाजारों में कुछ तेजी देखी गई, हालांकि अन्य देशों पर टैरिफ घटाने का पूर्ण विवरण को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि मैंने 90-दिन का विराम और इस अवधि के दौरान 10 प्रतिशत की काफी कम पारस्परिक टैरिफ को अधिकृत किया है, जो तुरंत प्रभावी है.
बीजिंग ने वाशिंगटन को दिया टैरिफ का जवाब
सूत्रों के मुताबिक, टैरिफ पर ट्रंप के अचानक पीछे हटने के फैसल को अमेरिका और दुनिया के बीच अभूतपूर्व व्यापार युद्ध को बीजिंग और वाशिंगटन के बीच टकराव तक सीमित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि इससे पहले चीन ने अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर 84 प्रतिशत शुल्क लगाकर अमेरिकी टैरिफ का जवाब दिया था, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध और तेज हो गया था.
चीन-अमेरिका टकराव
ट्रेड वार में यह बढ़ोतरी ट्रंप की ओर से 60 देशों पर लगाए गए विस्फोटक नए टैरिफ के बाद देखी गई, जिसमें चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ शामिल थे. इसके अलावा, चीन ने अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ में की गई नवीनतम बढ़ोतरी के बाद विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विवाद निपटान तंत्र के तहत अमेरिका के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया है.
दरअसल, चीनी वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा पहले के पारस्परिक टैरिफ के अलावा अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा के जवाब में, चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका द्वारा अतिरिक्त टैरिफ उपाय डब्ल्यूटीओ नियमों का गंभीर उल्लंघन करते हैं.
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