केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) अगले महीने ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करेंगे. यह यात्रा राकेश शर्मा (Rakesh Sharma) की रूस के सोयूज अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष में जाने की ऐतिहासिक यात्रा के चार दशक बाद होगी. सिंह ने यहां अंतरिक्ष विभाग और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के कार्यों की समीक्षा के बाद यह टिप्पणी की.
उन्होंने कहा, ‘‘ग्रुप कैप्टन शुक्ला की यात्रा महज एक उड़ान नहीं है– यह एक संकेत है कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण के एक नए युग में साहस के साथ कदम रख रहा है.’’ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने विभिन्न आगामी अंतरिक्ष अभियानों पर एक प्रस्तुति दी. सिंह ने कहा कि इसरो जून में जीएसएलवी-मार्क 2 रॉकेट के जरिए नासा के साथ संयुक्त रूप से विकसित निसार उपग्रह को प्रक्षेपित करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि जुलाई में अंतरिक्ष एजेंसी भारी-भरकम एलवीएम-3 रॉकेट का उपयोग करके अमेरिका स्थित एएसटी स्पेसमोबाइल इंक के ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करेगी.
सिंह ने कहा कि मई में निर्धारित ग्रुप कैप्टन शुक्ला का मिशन भारत के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग में एक मील का पत्थर है. भारतीय वायु सेना के पायलट ग्रुप कैप्टन शुक्ला को इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के तहत चुना गया था और वह गगनयान मिशन के शीर्ष दावेदारों में से एक हैं. आधिकारिक बयान में कहा गया कि एक्सिओम-4 मिशन पर उनकी यात्रा से अंतरिक्ष उड़ान संचालन, प्रक्षेपण प्रोटोकॉल, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण अनुकूलन और आपातकालीन तैयारियों में महत्वपूर्ण व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होने की उम्मीद है, जो भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए आवश्यक है.