पाकिस्तान-तुर्किये ने मिलकर रची पहलगाम हमले की साजिश? शहबाज-एर्दोगन की खुफिया मीटिंग हुई लीक

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Pakistan Turkey relations: आपने कभी न कभी तो सुना ही होगा की इंसान अहसानफरामोश होता है. लेकिन अब तुर्कि‍ये ने ऐसी हरकत की है, जिससे पता चलता है कि कोई देश भी अहसानफरामोश हो सकता है. दरअसल, तुर्किये साल 2023 में जब भूकंप की मार से कराह रहा था, तब वो भारत ही था, जिसने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया. वहां मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए अपने लोगों को भेजा. तुरंत उपचार मुहैया कराया, दवाईयां और जरूरी सामान भेजा गया. लेकिन जब बात जम्‍मू कश्‍मीर की आती है, तो वहीं तुर्किये पाकिस्‍तान का साथ देता है, जिसे पूरी दुनिया जानती है कि यदि आतंकवाद कहीं से पनपता है, तो वो पाकिस्‍तान ही है.

दरअसल, जब भारत में आतंकी हमले को अंजाम दे रहे थें, तो पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने दोस्त एर्दोगन से मिलने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान दोनों पक्षों के नेताओं ने कश्‍मीर को लेकर ही चर्चा भी की और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को जोर शोर से उठाने की कोशिश की. जिसकी शहबाज शरीफ ने ट्वीट कर बकायदा जानकारी भी दी.

कश्मीर को लेकर एर्दोगन का…

बता दें कि ये वही एर्दोगन हैं जो लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर के मुद्दे पर बोलते आये हैं और कहते आये हैं कि कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में हल होना चाहिए. वहीं, तुर्किये से मिलने के बाद शहबाज शरीफ हो या पाकिस्तान का कोई भी नुमाइंदा होता है वो यही कहता है कि सबसे पहले आप कश्मीर की बात कर दीजिए. कश्मीर पर कोई बयान दे दीजिये तब हम भी खुश हो जाएंगे. हमें सुकून मिल जाएगा.

पहलगाम हमले में तुर्किए का हाथ?

पाकिस्‍तान के अलावा तुर्किये ने भी यूएन में कोई ऐसा मौका नहीं छोड़ा कि उसने जम्‍मू कश्‍मीर की बात न छेड़ी हो. दरअसल, तुर्किये भी यही चाहता है कि कश्‍मीर का मुद्दा पाकिस्‍तान के हक में चला जाए. हालांकि ये उनके उसी सपने की तरह है जैसा वो इस्लाम का खलीफा बनने की मंशा रखते हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि कहीं न कहीं पहलगाम में हुए आतंकी हमले में तुर्किये का भी हाथ हो सकता है.

शहबाज शरीफ ने एर्दोगन को बताया भाई

वहीं, पाकिस्‍तानी पीएम शहबाज शरीफ ने तुर्किये में अपने दोस्त से मुलाकात करने के बाद ट्वीट करते हुए कहा कि आज अंकारा में अपने प्रिय भाई, राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन से मिलकर बहुत खुशी हुई. तुर्की को निरंतर प्रगति और समृद्धि के मार्ग पर ले जाने में उनके नेतृत्व और दूरदर्शिता की सराहना की. हमने फरवरी में महामहिम की पाकिस्तान की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान लिए गए निर्णयों के तेजी से कार्यान्वयन की समीक्षा की. हम व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा, ऊर्जा और लोगों के बीच आदान-प्रदान में पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं.व्यापक पाकिस्तान-तुर्की रणनीतिक साझेदारी का दायरा और ताकत बढ़ती रहेगी, इंशाअल्लाह!

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