मंगलवार, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने देश को हिलाकर रख दिया है. आतंकियों ने इस बार बेकसूर पर्यटकों को अपना निशाना बनाया और 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी. जिस तरह आतंकियों ने निहत्थे और बेगुनाहों की हत्या की उसे देखकर पूरा देश का खून खौल रहा है और बदले की आवाज उठ रही है. इस आतंकी घटना पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा, शत्रुता और दुश्मनी हमारा स्वभाव नहीं है, लेकिन नुकसान सहना भी हमारा स्वभाव नहीं है.
मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के संबोधन के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि देश शक्तिशाली है, ये दिखाने का समय आ गया है. इतना ही नहीं उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि भारत को सशक्त बनाने के लिए एक जुट हो जाएं, ताकि वह ऐसे असुरों का नाश कर सके. मोहन भागवत ने आगे कहा, शत्रुता और दुश्मनी हमारा स्वभाव नहीं है, लेकिन नुकसान सहना भी हमारा स्वभाव नहीं है.
उन्होंने कहा कि अगर शक्ति है तो उसका प्रदर्शन करना चाहिए. ऐसे समय में शक्ति दिखानी चाहिए… इससे दुनिया को संदेश जाता है कि शक्ति का सामना करने वाला मजबूत है. लड़ाई समुदायों के बीच नहीं बल्कि अच्छाई और बुराई के बीच है. कश्मीर में चरमपंथियों ने जो किया, उसकी हर कोई निंदा कर रहा है. कश्मीर में मरने वाले लोगों को उनका धर्म पूछकर मारा गया। हिंदू ऐसा कभी नहीं करेंगे। हमें इस घटना पर दुख है.