FY26 में भारत के माइक्रो-फाइनेंस सेक्टर में 12 से 15% की वृद्धि का अनुमान

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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भारत में माइक्रो-फाइनेंस सेक्टर (MFI) में FY26 में 12 से 15% की वृद्धि का अनुमान है. इसके साथ ही यह FY24 के स्तर पर वापस आ जाएगा. सोमवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. एमपी फाइनेंशियल एडवाइजरी सर्विसेज एलएलपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अधिक अनुकूल माहौल में खासकर सामान्य मानसून के कारण ग्रामीण आय में सुधार होता है तो विकास थोड़ा बेहतर हो सकता है. एमएफआई सेक्टर ने लगातार मजबूती का प्रदर्शन किया है, जो नोटबंदी और कोरोना महामारी जैसे पिछले व्यवधानों से उबर चुका है.
भारत का माइक्रो-फाइनेंस सेक्टर वित्तीय समावेशन का आधार बन गया है, जो वंचित आबादी, खासकर महिलाओं, छोटे किसानों और ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमियों के लिए ऋण तक पहुंच को आसान बनाता है. FY14 से FY24 तक 28% के मजबूत सीएजीआर के साथ यह सेक्टर अब देश के 92% जिलों में 7.9 करोड़ से अधिक विशिष्ट उधारकर्ताओं को सेवा प्रदान करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि FY26 के लिए दृष्टिकोण सतर्क रूप से आशावादी बना हुआ है.
एमपी फाइनेंशियल एडवाइजरी सर्विसेज एलएलपी के फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर महेंद्र पाटिल ने कहा, माइक्रो-फाइनेंस सेक्टर एक महत्वपूर्ण बिंदु पर है, जो जिम्मेदार उधार के साथ सस्टेनेबल ग्रोथ को बैलेंस कर रहा है. एमएफआईएन गार्ड रेल्स ऋण-ग्रस्तता को रोकने और परिसंपत्ति की गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए एक समय पर उठाया गया कदम है. बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण विकास अस्थायी रूप से धीमा हो सकता है। लेकिन, सुधारों से ऋण अनुशासन, पोर्टफोलियो गुणवत्ता और दीर्घकालिक क्षेत्र की मजबूती बढ़ने की संभावना है.
हालांकि, मुख्य चुनौती यह सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह के संरचनात्मक सुधार वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को कमजोर न करें. मार्च 2024 तक भारत की लगभग 37% ग्रामीण आबादी एमएफआई उद्योग के अंतर्गत है. पाटिल ने कहा, पॉलिसी सपोर्ट, इनोवेटिव क्रेडिट असेसमेंट और रणनीतिक साझेदारी को मिलाकर एक बैलेंस अप्रोच इस क्षेत्र की नींव को मजबूत करते हुए पहुंच को बनाए रखने के लिए आवश्यक होगा. इसके अलावा, फिनटेक और गैर-एनबीएफसी-एमएफआई के उभरने से ऋण विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश ने फंड तक पहुंच को आसान बना दिया है, जिससे कई तरह के ऋण देने में मदद मिली है.
–आईएएनएस
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