CHAR DHAM YATRA 2025: उत्तराखंड की चारधाम की यात्रा शुरू होने वाली है. इस यात्रा के लिए आज से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं. सुबह से ही रजिस्ट्रेशन के लिए हरिद्वार में श्रद्धालु लाइन में दिखाई दिए. आको बता दें कि देश के लाखों लोग चारधाम यात्रा करने जाते हैं. हिंदू धर्म में चारधाम का खासा महत्व हैं. इस साल भी चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन आज (28 अप्रैल) से शुरू हो गया है. हरिद्वार में 20 फ्री रजिस्ट्रेशन काउंटर बनाए गए हैं.
जाने कहां-कहां बने हैं सेंटर
चारधाम यात्रा की शुरूआत अप्रैल माह के अंतिम दिन से हो रही हैं, यानी चारधाम यात्रा 30 अप्रैल 2025 से शुरू होगी, इसी दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे. वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खुलेंगे, जबकि बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे. चारधाम यात्रा पर जाने वाले हर यात्री को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है. इसके लिए सरकार ने हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में 50 से अधिक रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाए गए हैं. श्रद्धालु इन जगहों से यात्रा शुरू करने से पहले रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने कहा…
हरिद्वार के जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने कहा, “चार धाम यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा आज से शुरू कर दी गई है. हमने पर्यटकों के लिए 20 काउंटर बनाए हैं, जिनमें दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों और विदेशी नागरिकों के लिए अलग-अलग काउंटर शामिल हैं. आज रजिस्ट्रेशन का पहला दिन है. आज रजिस्ट्रेशन की सीमा 1000 है. उच्च अधिकारियों से प्राप्त निर्देशों के आधार पर इसमें बदलाव किया जाएगा.”
#WATCH | Haridwar, Uttarakhand: Offline registration for Chardham Yatra has started today, 28 April. 20 free registration counters have been set up in Haridwar.
Char Dham Yatra will start from 30 April 2025, on the same day the doors of Gangotri and Yamunotri Dham will open. pic.twitter.com/7ewCtrTJt2
— ANI (@ANI) April 28, 2025
जाने क्या-क्या लगेंगे डाक्यूमेंट्स
यात्रियों को रजिस्ट्रेशन के दौरान आधार कार्ड अपने साथ रखने हैं, क्योंकि रजिस्ट्रेशन काउंटर पर आपसे आधार कार्ड और मोबाइल नंबर मांगा जाएगा. साथ ही अगर किसी को कोई बीमारी है तो उसे अपनी मेडिकल हिस्ट्री भी देनी होगी.
मालूम हो कि पिछले वर्षयानी 2024 में 48 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारधाम की यात्रा की थी, जबकि 65 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था. केदारनाथ और बद्रीनाथ में ही सिर्फ 30,87,417 श्रद्धालुओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी.