भारत-UK की साझेदारी का भविष्य उज्ज्वल, अच्छे होंगे परिणाम: Piyush Goyal

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) को भारत-यूके की साझेदारी (India-UK Partnership) से काफी उम्मीदें हैं. उन्हें आशा है कि इस साझेदारी का भविष्य उज्ज्वल है और ये साथ अच्छे परिणाम लेकर आएगा. बता दें कि पीयूष गोयल यूके, नॉर्वे और यूरोपीय संघ के साथ भारत के व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने के लिए इस सप्ताह लंदन, ओस्लो और ब्रुसेल्स की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं.
केंद्रीय मंत्री गोयल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर लिखा, लैंकेस्टर हाउस में आयोजित जॉइंट इंडिया-यूके बिजनेस रिसेप्शन में फॉरेन कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस के राज्य सचिव डेविड लैमी के साथ शामिल होना अद्भुत है. उन्होंने आगे कहा, यूके के व्यापार सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ सभा को संबोधित किया और भारत-यूके साझेदारी के उज्ज्वल भविष्य के बारे में बात की.
गोयल ने कहा कि वे यूके भागीदारों द्वारा किए गए शानदार आतिथ्य के लिए बेहद आभारी हैं. उन्‍होंने कहा, हमारे साझा दृष्टिकोण से ठोस परिणामों की प्रतीक्षा है.
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री गोयल ने दोनों देशों के व्यापारियों और CEO की एक गोलमेज बैठक में भारत-यूके द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए आगे के निवेश के अवसरों पर प्रकाश डाला. उन्‍होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, भारत-यूके बिजनेस राउंडटेबल को संबोधित किया, जिसमें दोनों देशों के प्रमुख व्यापारिक नेता और सीईओ एक साथ आए. इस राउंडटेबल में आर्थिक संबंधों को मजबूत करने, नवाचार-आधारित विकास को बढ़ावा देने और भारत और यूके के बीच निवेश के अवसरों का विस्तार करने पर प्रकाश डाला गया.

पीयूष गोयल ने UK के व्यापार सचिव जे. रेनॉल्ड्स के साथ भी की बैठक

गोयल ने भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए UK के व्यापार सचिव जे. रेनॉल्ड्स के साथ भी बैठक की. गोयल ने अपने ब्रिटिश समकक्ष के साथ बैठक को उपयोगी और भारत-यूके आर्थिक संबंधों को गहरा करने की प्रतिबद्धता का हिस्सा बताया. भारत और यूके प्रस्तावित एफटीए के लिए बातचीत को जल्द ही समाप्त करना चाहते हैं, क्योंकि अमेरिका से अधिक टैरिफ के कारण अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. समझौते में 26 अध्याय हैं, जिनमें सामान, सेवाएं, निवेश और बौद्धिक संपदा अधिकार शामिल हैं.
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