Ajab Gajab Ram Bhakt: 22 जनवरी का दिन देश के लोगों के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है. इस खास दिन राम लला अपने नए दिव्य और भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. पूरे देश में इस विशेष आयोजन को लेकर उमंग और उल्लास का माहौल है. अभी से ही राम भक्त अयोध्या पहुंच रहे हैं. इस भव्य और दिव्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के विशिष्ट लोगों को निमंत्रण भी भेजा गया है.
इस बीच आज हम आपको राम के एक ऐसे भक्त से मिलाने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे, हम बात कर रहे हैं धनबाद करमाटाड़ की रहने वाली 85 वर्षीय सरस्वती देवी की. इन्होंने रामलला के मंदिर में विराजने को लेकर कठिन प्रण ठान ली थी. बताया जा रहा है कि उन्होंने प्रण लिया था कि जब तक रामलला मंदिर में विराजमान नहीं होते तब तक वह मौन रहेंगी. इसके कठिन तपस्या के कारण वह चर्चा में हैं.
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30 सालों से कुछ नहीं बोला
जानकारी दें कि धनबाद करमाटाड़ की रहने वाली 85 वर्षीय सरस्वती देवी लगभग 30 साल से मौन धारण की हुई हैं. राम की भक्ति मेंं आपको कई लोग मिल जाएंगे, लेकिन कलियुग में सरस्वती देवी की भक्ति का चर्चा पूरे कोयलांचल में है. आपको बता दें कि घर से ज्यादा सरस्वती देवी तीर्थ स्थलों में रहती हैं. हालांकि घर से बाहर भी वह मौन धारण किए रहती हैं. अगर किसी से कोई बात कहनी होती है तो वह लिख कर बताती हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार सरस्वती अग्रवाल मई 1992 में अयोध्या गई थीं. उस समय वह साढ़े सात महीने कल्पवास में एक गिलास दूध पीकर रहीं थी, साथ ही रोजाना कामतानाथ पहाड़ की 14 किमी की परिक्रमा भी की थी. इतना ही नहीं वह 6 दिसंबर 1992 को स्वामी नृत्य गोपाल दास से मिलीं थी. उनकी प्रेरणा से उन्होंने मौन व्रत धारण कर लिया था. उन्होंने संकल्प लिया कि जिस दिन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी, उसी दिन मौन तोड़ेंगी. अब सरस्वती देवी को तिथि मिल गई है, जब वह मौन व्रत को तोडेंगी.
पहला शब्द बोलेंगी सीताराम
एक निजी चैनल से बात करते हुए सरस्वती देवी के छोटे पुत्र हरिराम अग्रवाल ने कहा कि विवादित ढांचा गिरने के बाद उनकी मां ने मौन धारण कर लिया था. उस दौरान प्रण लिया था कि जब तक भगवान राम मंदिर में विराजमान नहीं होते वह मौन ही रहेंगी. बेटे का कहना है कि मां पिछले 30 सालों से मौन धारण की हुई हैं. 22 जनवरी को रामलला मंदिर में विराजमान होंगे तो उसी दिन मां अपना प्रण तोड़ेंगी.
सरस्वती देवी का प्रण है कि मौन व्रत तोड़ने के साथ वह पहला शब्द सीता राम बोलेंगी. जानकारी के अनुसार आयोध्या रामलला विराजमान दिवस के दिन का निमंत्रण सरस्वती देवी को आया है. 8 जनवरी को वह अयोध्या जायेंगी.