Amrit Udyan: क्या है अमृत उद्यान का इतिहास? जानिए कब और किसने की थी इसकी शुरुआत

Raginee Rai
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Amrit Udyan: अपनी खूबसूरती और रंग बिरंगे फूलों के लिए मशहूर राष्ट्रपति भवन का अमृत उद्यान आम लोगों के लिए खोल दिया गया है. अमृत उद्यान (Amrit Udyan) में ट्यूलिप और गुलाब की कई वैराइटी हैं, जो काले, नीले और हरे अनेक रंग के हैं. इस उद्यान में मुख्य उद्यान, टेरेस उद्यान, लॉन्ग उद्यान या परदा उद्यान और वृत्ताकार उद्यान हैं. यहां की खूबसूरती कुछ ऐसी है कि उद्यान को घूमते हुए एक अलग ही दुनिया में होने को एहसास होता है.

रंग-बिरंगे फूलों से मन खुश तो दिमाग तरोताजा हो जाता है. इस उद्यान को पहले मुगल गार्डन के नाम से जाना जाता था. अमृत महोत्सव दौरान इस गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान रख दिया गया. अब सवाल है कि क्‍या आपको मालूम है कि यह गार्डन कब बना था, इसका इतिहास क्‍या है. अगर नहीं, तो चलिए आज की लेख में जानते है इ‍सका इतिहास.

क्या है अमृत उद्यान का इतिहास?

दिल्‍ली से पहले भारत की राजधानी कलकत्‍ता थी. वर्ष 1911 में अंग्रेजों ने इसे बदलकर अपनी राजधानी दिल्ली शिफ्ट दी थी. वायसरॉय के रहने के लिए दिल्ली में रायसीना की पहाड़ियों को काटकर वायसराय हाउस का निर्माण कराया गया था. जो वर्तमान में राष्ट्रपति भवन के नाम से जानते है. वायसराय हाउस में वर्ष 1917 में सर लुटियंस ने अमृत उद्यान का डिजाइन तैयार किया था और 1928-29 में यहां गार्डनिंग का काम शुरू हुआ था.

कैसे पड़ा मुगल गार्डन नाम?

मुगल शासनकाल में भारत में कई बाग-बगीचों को बनवाया गया था. सर एडवर्ड लुटियंस ने इस उद्यान को ऐसे बनवाया, जिसमें ब्रिटिश और इस्लामी दोनों विरासत की झलक दिखे. इसका डिजाइन ताजमहल के बगीचों, जम्‍मू कश्‍मीर के बगीचों के साथ-साथ भारत एवं फारस के बाग-बगीचों से प्रेरित था. इस वजह से इसका नाम मुगल गार्डन रखा गया.

लुटियंस की पत्‍नी ने बताया था स्‍वर्ग

राष्ट्रपति सचिवालय की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, क्रिस्टोफर हसी की द लाइफ ऑफ सर एडविन लुटियंस में सर लुटियंस की पत्नी ने लिखा कि उद्यान एक ‘पैराडाइस’ से कम नहीं. आसान शब्दों में कहें तो यह उद्यान किसी स्वर्ग से कम नहीं है. लुटियंस की पत्नी ने ये भी कहा कि यहां की खूबसूरती शब्दों से परे है.

अलग-अलग प्रकार के फूल 

अमृत गार्डन में कई तरह के फूल देखने को मिल जाते हैं. यहां गुलाब के ही तकरीबन 138 किस्में मौजूद हैं. इसके अलावा करीब 10,000 से ज्यादा ट्यूलिप और 70 से ज्यादा सीजनल फूल देखने को मिलते हैं. इस उद्यान का दीदार करने भारत ही नहीं, देश-विदेश से पर्यटक भी आते हैं. बता दें कि यह अमृत उद्यान 2 फरवरी से आम लोगों के लिए खुल गया है और 31 मार्च को बंद हो जाएगा. इस गार्डन में घूमने के लिए आपको पहले से टिकट बुक करानी होती है, जो बिल्कुल फ्री है.

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