Banke Bihari Mandir: वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर विश्व विख्यात है. भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से ओतप्रोत वृंदावन में देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. वृंदावन की कुंज गलियों में श्री कृष्ण ने लीलाएं की थी. इस मंदिर से जुड़े कई ऐसे रहस्य हैं, जिनके बारे में बहुत कम ही लोगों को मालूम है. आपने कभी ध्यान दिया होगा कि बांके बिहारी जी के दर्शन हमेशा श्रद्धालुओं को टुकड़ों में कराए जाते हैं.
बांके बिहारी जी के आगे बार-बार पर्दा लगा दिया जाता है. लोगों का कहना है कि इसकी वजह यह है कि भक्त बांके बिहारी जी को अधिक देर तक देख न सकें. लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है? तो चलिए आज के इस आर्टिकल में जानते हैं बांके बिहारी जी के आगे बार-बार पर्दा डालने का क्या रहस्य है.
बांके बिहारी मंदिर में पर्दा लगानें का रहस्य
पौराणिक कथा के मुताबिक, बांके बिहारी मंदिर में आज से करीब 400 वर्ष पहले तक पर्दा नहीं लगाया जाता था. श्रद्धालु जितनी देर चाहे उतनी देर तक बांके बिहारी जी को निहार सकते थें. एक बार एक साधक बांके बिहारी जी के दर्शन करने के लिए मंदिर आया. वह एकटक लगाकर प्रेम भरे नजरों से बांके बिहारी जी को देखने लगा. उस दौरान भगवान बांके बिहारी साधक के प्रेम भाव से खुश होकर उनके साथ ही चलने लगे. जब मंदिर के पुजारी ने देखा तो मंदिर में बांके बिहारी जी की मूर्ति नहीं है. यह देखकर पुजारी समेत सभी भक्त परेशान हो गए. उन्होंने भगवान से वापस मंदिर में चलने के लिए विनती की. उसी समय से हर 2 मिनट के गैप पर बांके बिहारी जी के सामने पर्दा लगाने की परंपरा शुरू हो गई.
बिहारी जी के अन्य रहस्य
बांके बिहारी मंदिर के अनेक रहस्य हैं. जैसे कि साल में केवल एक दिन एक दिन मंगला आरती होना. साल में केवल एक बार भवगान बांके बिहारी जी के चरणों के दर्शन होना. इसके अलावा वर्ष में केवल एक बार बंसी और मुकुट धारण करना. मान्यता के अनुसार, भक्त जो कुछ भी बांके बिहारी जी से मनोकामनाएं मांगते है, वह पूरी होती हैं.
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