Bihar News: बिहार से कुछ ना कुछ ऐसी खबर सामने आती है, जिसे पढ़ने के बाद व्यक्ति एक बार सोचने पर जरूर विवश हो जाता है. बिहार में कभी मोबाइल टावर गायब होने की खबर आती है, कभी यहां पर रातों रात सड़क गायब हो जाती है. अब एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने बिहार के शिक्षा विभाग की पोल खोली है. विभाग की लापरवाही के चलते पिछले कई सालों से स्कूली बच्चे पाठ्यक्रम में भ्रमित होते आ रहे हैं.
दरअसल, बिहार के शिक्षा विभाग से बड़ी भूल हुई है. यहां पर छात्र स्कूली किताब में शेर को बाघ पढ़ते आ रहे हैं. इस चूक की शिकायत जब की गई तो विभाग ने अपनी गलती मानी और इसमें सुधार की बात कही.
ये है पूरा मामला
बता दें कि टीवी 9 की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरा मामला संस्कृच विषय से जुड़ा हुआ है. बता दें कि लखीसराय के संस्कृत शिक्षक सह प्रतिभा चयन एकता मंच के सचिव पीयूष कुमार झा द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार कक्षा 10 की पाठ्य पुस्तक में पीयूषम द्वितीयो भाग: के एकादश पाठ में बड़ी चूक है. इस पाठ में हितोपदेश के मित्र लाभ नामक भाग से संकलित व्याघ्रपथिक कथा (बाघ एवं पथिक की कहानी) पढ़ाई जा रही है. इसकी रचना नारायण पंडित द्वारा की गई है. अब खास बात यह है कि पाठ के शुरुआत में जो फोटो छपा है, वह बच्चों को काफी भ्रमित कर रहा है.
शेर और बाघ के चक्कर में घनचक्कर
जानकारी दें कि पीयूष कुमार झा ने दावा किया है कि किताब के एकादश पाठ में गलती करते हुए बाघ की कहानी में शेर का फोटो लगा रखा है. सवाल यह है कि जब कहानी बाघ की है तो फोटो शेर की क्यों लगी है. खास बात यह है कि यह गलती 12 साल पहले की गई थी. बावजूद इसके विभाग की नजर इस फोटो पर नहीं गई है. इस बात की शिकायत जब विभाग नें की गई, उसके बाद विभाग की ओर से सुधार की बात कही जा रही है.
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