Idi Amin: एक ऐसा निर्दयी तानाशाह, जो पीता था इंसानों का खून, कहानी जानकर कांप जाएगी रूह!

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Idi Amin: अपनी जिंदगी में आपने एक से बढ़ कर एक तानाशाहों के बारे में पढ़ा-सुना होगा, जिनकी कहानियां रूह कंपा देती है. लेकिन हम आज आपको एक ऐसे क्रूर और निर्दयी तानाशाह के बारे में बताएंगे, जो भारतीयों से नफरत करता था. वो अपने दुश्मनों को मारने के बाद उनका खून पी लेता था. उसको लोगों के शवों के साथ सोने का शौक था. सिर काटकर फ्र‍िज में रखता था. डिनर टेबल पर सजाता था. उसकी इसी हरकतों के कारण लोग उसे युगांडा का कसाई कहते थे. वो अपने आपको सबकी नजरों में और खुंखार दिखाने के लिए इंसानों का मांस तक खाता था.

कौन था ये ताना शाह?

हम बात कर रहे हैं पूर्वी अफ्रीकी देश युगांडा के तानाशाह ईदी अमीन की. जी हां, आपकी जानकारी के लिए बता दें, ईदी अमीन 1971 में मिल्टन ओबोटे को हटा कर सत्ता में आए थे. 4 अगस्त,1972 को उन्‍हें सपना आया कि अल्‍लाह ने उससे कहा कि सारे एशियाई लोगों को अपने देश से बाहर निकाल दो. फिर क्‍या था. सुबह उठते ही इस तानाशाह ने फरमान जारी किया कि युगांडा में वर्षों से रह रहे एशियाई लोग तुरंत देश से बाहर निकल जाएं.

उनके पास सिर्फ 90 दिन का समय है, वरना बंदी बना लिए जाएंगे. इसके बाद भारतीय मूल के करीब 90 हजार लोगों को देश से निकाला दिया गया. इन लोगों की आबादी सिर्फ 1 फीसदी थी, लेकिन वहां की 20 फीसदी संपत्‍त‍ि पर इनका कब्‍जा था. अंग्रेज इन लोगों को भारतीय उपमहाद्वीप से युगांडा ले गए थे.

हैवान, राक्षस, आदमखोर तक कहते थे लोग
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ 8 साल के शासनकाल में उसने क्रूरता की ऐसी मिसाल पेश की, जो इतिहास में भी नहीं मिलती. इसीलिए उसे इंसानियत का दुश्मन, हैवान, राक्षस, आदमखोर और न जाने क्या-क्या कहा जाता है. युगांडा के एक सामान्‍य सैन्य अधिकारी से सत्‍ता के शिखर तक पहुंच कर अमीन ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं. लाशों के ढेर लगा दिए.

इंसानों का पीता था खून 
उसके शासनकाल में 200,000 से अधिक युगांडावासी मौत के घाट उतार दिए गए. प्रमुख नेताओं के सिर काट दिए और उन्‍हें फ्र‍िज में रखा. अमीन समय-समय पर इन्‍हें फ्रीजर से निकालता था और डिनर टेबल पर रखकर बातचीत करता था. कहा तो ये भी जाता है कि यह तानाशाह इंसानों का खून पीता था और गोश्त खाता था. इसे शवों के साथ सोने का शौक था. उसने 4,000 विकलांग लोगों को नील नदी में फेंकने का आदेश दिया था, ताकि मगरमच्छ उन्हें अपना निवाला बना लें. उसका शासन खत्‍म होने के बाद युगांडा में कई जगह लोगों की लाशें सड़ती हुई मिली थीं. तमाम सामूहिक कब्रों का पता चला था.

सैन्‍य तख्‍तापलट कर बना राष्‍ट्रपति
छह फीट 4 इंच लंबे कद काठी वाले ईदी अमीन का जन्‍म 1925 में युगांडा के कोबोको में हुआ था. उसका पूरा नाम ‘ईदी अमीन दादा’ था. जन्‍म के कुछ दिनों बाद ही उसके पिता ने अमीन और उसकी मां को त्‍याग दिया था. पिता ईसाई थे, लेकिन अमीन ने धर्म त्‍यागकर इस्‍लाम कबूल कर लिया था. उसकी मां एक हकीम थीं, जो लोगों का इलाज किया करती थीं. अमीन सिर्फ कक्षा 4 तक पढ़ा था. 1946 में रसोइए के रूप में ब्रिटिश सेना किंग्स अफ्रीकन राइफल्स में भर्ती हुआ.

बाद में अपनी क्षमता के दम पर वह सैनिक बन गया. इसके बाद प्रमोशन होता रहा. इस दौरान वह बॉक्सिंग चैम्पियन होने के साथ-साथ तैराक भी रहा. 1971 में मिल्टन ओबोटे को सैन्‍य तख्‍तापलट के जरिये हटाकर उसने सरकार पर कब्‍जा कर लिया. नया संविधान लागू किया और खुद को कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित कर दिया. उसने तंजानिया सहित कई देशों पर हमले किए. अधिकांश पड़ोसियों को अपना दुश्मन बना लिया था.

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