Death Predictor AI: इस तकनीक से दहल जाएगा दिल, AI की मदद से पता चलेगा मौत का समय

Divya Rai
Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Death Predictor AI: जैसे-जैसे ये दुनिया तरक्की की ओर बढ़ रही है, उसके नतीजे भी काफी भयानक होते जा रहे हैं. आज के दौर में ऐसी कोई चीज नहीं है जिसका जवाब इंसान के पास नहीं है, लेकिन अगर किसी से ये पूछा जाए कि उसकी मौत कब होगी, तो इस सवाल का जवाब कोई नहीं जानता है. हालांकि, अब ये मुमकिन है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, अब इंसान अपने भविष्य की जानकारी प्राप्त कर सकता है. जिसमें उसकी मौत की तारीख और समय भी शामिल हैं.

बता सकता है जीवन की अवधि

दरअसल, अमेरिका और डेनमार्क के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित एक डेथ प्रीडिक्टर मशीन तैयार किया है. इस मशीन को लेकर ये दावा किया जा रहा है कि ये इंसान की मौत की जानकारी सटीकता से बता सकती है. आसान शब्दों में कहे तो इससे कोई (AI model predict death time) भी व्यक्ति ये पता कर सकता है कि उसकी जीवन की अवधि कितनी है. एक तरह से व्यक्ति को एक्सपायरी डेट मिल जाएगी.

मॉडल का नाम है Life2vec

बता दें कि इस AI मॉडल को Life2vec नाम दिया गया है. इस मॉडल के जरिए भविष्य का पता लगया जा सकता है. इसके लिए पहले 60 लाख डेनमार्क के लोगों का डाटा लिया गया. जैसे उसका डेट ऑफ बर्थ, शिक्षा, सैलेरी, स्वास्थ्य और हाउसिंग. इन जानकारी के ही आधार पर Life2vec ने लोगों के मौत की तारीख और समय का अंदाजा लगाया. वैज्ञानिकों ने बताया कि इस टेक्नोलॉजी का यूज 35-65 साल के लोगों पर किया जा सकता है. उनका कहना है कि अब तक डेट प्रीडिक्टर ने 78 पर्सेंट सही जवाब दिया है.

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प्रोफेसर सुने लीमैन कर रहे थे लीड

डेनमार्क स्थित टेक्निकल यूनिवर्सिटी में इस प्रोजेक्ट को प्रोफेसर सुने लीमैन लीड कर रहे थे. प्रोफेसर ने बताया, “मानव जीवन की भविष्यवाणी करने के लिए जीवन की घटनाओं के अनुक्रम का इस्तेमाल करना’ नाम से स्टडी की गई है. हमने व्यक्ति के जीवन में घटित होने वाली घटनाओं का डेटा तैयार किया. इसके बाद इस डेटा का विश्लेषण करने के लिए चैटजीपीटी के पीछे की टेक्नोलॉजी का यूज किया है. हमने इस तथ्य का इस्तेमाल किया कि किसी न किसी स्तर पर इंसान का जीवन भी भाषा की तरह की समान है. जिस तरह से शब्द वाक्यों में एक दूसरे का अनुसरण करते हैं, उसी प्रकार मानव जीवन में घटनाएं एक दूसरे का अनुसरण करती हैं.”

खतरनाक है ये टेक्नोलॉजी

प्रोफेसर सुने लीमैन ने कहा कि ये टेक्नोलॉजी इंश्योरेंस कंपनी के हाथों में नहीं आना चाहिए. ये मॉडल आम लोगों के लिए अभी नहीं है. उनका मानना है कि पहले से ही कई कंपनियां ऐसे मॉडल्स बना चूकि हैं. ऐसी टेक्नोलॉजी से असामयिक मौत से भी इंसान बच सकता है.

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