Earth-Like Planet: वैज्ञानिको ने एक और पृथ्वी ग्रह को खोज निकाला है, जो सौर मंडल से करीब 4,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक तारे की परिक्रमा कर रही है. वैज्ञानिको का कहना है कि यह ग्रह संभावित रूप से पृथ्वी के सुदूर भविष्य के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है. पृथ्वी के समान द्रव्यमान वाला यह चट्टानी ग्रह, धनु तारामंडल में एक white dwarf के चारों ओर चक्कर लगा रहा है.
वैज्ञानिको के मुताबिक, इस ग्रह पर जीवन की संभावनाएं हैं. उनकी यह खोज पृथ्वी के अस्तित्व के लिए आशा की एक किरण लेकर आई है. उनका कहना है कि बृहस्पति के आसपास यूरोपा, कैलिस्टो और गेनीमेड या शनि के पास एन्सेलाडस जैसे चंद्रमा भविष्य की पीढ़ियों के लिए संभावित आश्रय स्थल बन सकते हैं.
क्या है white dwarf?
बता दें कि white dwarf किसी तारे का परमाणु ईंधन ख़त्म हो जाने और उसकी बाहरी परतें निकल जाने के बाद बचा हुआ अवशेष होता है, जो सूर्य के अंत का प्रतीक है. जैसे ही सूर्य का परमाणु ईंधन समाप्त होगा, सूर्य एक लाल विशालकाय गोले में बदल जाएगा, फिर सिकुड़ कर एक white dwarf में बदल जाएगा. हालांकि इसके विस्तार की यह सीमा तय करेगी कि इसके चपेट में कौन कौन से ग्रह आएंगे. ऐसे में सवाल ये है कि यदि सूर्य समाप्त हो जाएगा तो पृथ्वी का क्या होगा. वहीं, इस ग्रह के चपेट में आने से बुध और शुक्र के भस्म होने की संभावना है.
क्या खत्म हो जाएगी पृथ्वी?
खगोलविदों के मुताबिक, जैसे-जैसे सूर्य एक लाल दानव में विस्तारित होगा, इसके द्रव्यमान में कमी ग्रहों को और अधिक दूर की कक्षाओं में धकेल देगी, जो पृथ्वी को विनाश से बचने की अनुमति दे सकता है. ऐसे में यूसी बर्कले में खगोल विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर जेसिका लू ने कहा कि इस लाल विशाल अवधि के दौरान पृथ्वी पर जीवन संभव रहेगा या नहीं इसके बारे में कुछ पता नहीं है,लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पृथ्वी सूर्य द्वारा तब तक निगल नहीं जाती जब तक यह एक विशालकाय लाल दानव नहीं बन जाता है.
लाल दानव में बदल जाएगा सूर्य
उन्होंने कहा कि जैसे ही सूर्य एक लाल दानव में बदल जाएगा, सौर मंडल में रहने योग्य क्षेत्र बाहर की तरफ बृहस्पति और शनि की कक्षाओं में स्थानांतरित हो जाएगा. ऐसे में उनके कई चंद्रमा, जैसे- कैलिस्टो और यूरोपा, जीवन का समर्थन करने में सक्षम समुद्री दुनिया बन सकते हैं. हालांकि इससे पहले मानवता वहां से पलायन कर सकती है.
इसे भी पढें:-दक्षिण कोरियाई वैज्ञानिकों का कमाल! दुनिया में पहली बार सॉलिड्स में इलेक्ट्रॉनिक क्रिस्टलाइट्स की हुई खोज