ISRO: हमारा ब्राह्माड अपने आप में अनेक रहस्यों को समेटे हुए है. दुनिया के तमाम वैज्ञानिक इन रहस्यों को सुलझाने में जुटे हुए है. ऐसे में ही एक सवाल यह भी है कि क्या चांद पर जीवन संभव है, क्या हम कभी चांद पर भी अपना घर बना सकेंगे. तो इसका जवाब है कि हां. ये सारे सवाल जो अभी तक एक सपने की तरह थे वो अब जल्द ही हकीकत बनने वाले है.
दरअसल, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) के वैज्ञानिकों ने एक अद्भुत खोज की है. उन्होंने पाया कि चांद की सतह के नीचे उम्मीद से कई गुना ज़्यादा बर्फ मौजूद है! ऐसे में वैज्ञानिको का कहना है कि इस बर्फ को खोदकर निकाला जा सकता है, और इसका इस्तेमाल चांद पर इंसानों के लिए पानी और ऑक्सीजन बनाने में किया जा सकता है. मतलब कि अब चांद पर मानव बस्तियां बनाने का रास्ता साफ हो सकता है!
चांद पर बर्फ का विशाल भंडार
इसरो ने पाया कि चांद की सतह से सिर्फ दो-चार मीटर नीचे बर्फ का विशाल भंडार छिपा है. यह बर्फ चांद के दोनों ध्रुवों पर मौजूद है और पहले की गणना से पांच से आठ गुना अधिक है! जिसे जमीन में ड्रिलिंग करके बाहर निकाला जा सकता है.
ISRO: इंब्रियन काल का मामला
अब सवाल यह उठता है कि आखिर चांद पर बर्फ आयी कहां से है? वैज्ञानिकों का मानना है कि लाखों साल पहले जब चांद का निर्माण हो रहा था तब ज्वालामुखी विस्फोटों से निकली गैसें धीरे-धीरे जमकर बर्फ में बदल गईं. इसरो के अनुसार यह इंब्रियन काल का मामला है. यह बर्फ आज भी चांद की सतह के नीचे सुरक्षित है.
दुनिया भर की स्पेस एजेंसियां उत्साहित
हालांकि इसरो के इस खोज से दुनिया भर की स्पेस एजेंसियां उत्साहित हैं. यदि हम इस बर्फ को निकालने में कामयाब हो जाते हैं, तो चाँद पर इंसानों के लिए लंबे समय तक रहना संभव हो सकता है. इस बर्फ का इस्तेमाल इंसानों के लिए पानी और ऑक्सीजन के साथ ही रॉकेट के ईंधन बनाने में भी किया जा सकता है.
इस वजह से हुआ संभव
बता दें कि इसरो के चंद्रयान-2 ऑर्बिटर और अमेरिका के लूनर रीकॉन्सेंस ऑर्बिटर से मिले डेटा के विश्लेषण से यह खोज संभव हो सका है. फिलहाल, वैज्ञानिक इस बर्फ के बारे में और अधिक जानकारी जुटाने के लिए काम कर रहे हैं.
इसे भी पढ़े:- लेह-लद्दाख के इस जगह को कहते हैं धरती का चांद, एक बार जरूर बनाए घूमने का प्लान