Jhansi News: विवेक राजौरिया! झांसी से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया जिसे जान कर आप भी हैरान हो जाएंगे. झांसी में चल रहे मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन में उस समय अफरा तफरी मच गई, जब पत्रकारों की टीम ने सम्मेलन में चल रही शादियों का रियलिटी चैक किया. दूल्हा न आने पर आयोजकों ने जीजा से दुल्हन की शादी करवा दी. जिसकी जानकारी दुल्हन को भी थी लेकिन उसने भी इसका विरोध नहीं किया.
आपको बता दें कि विरोध न करने के पीछे का कारण सरकारी योजना का लाभ लेकर सरकार को चूना लगाना था.
132 जोड़ों की हुई शादी
दरअसल, झांसी के पॉलिटेक्निक कॉलेज के मैदान में मंगलवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन हो रहा था. सम्मेलन में कुल 168 जोड़ों ने अपनी शादी के रजिस्ट्रेशन कराए थे. जिनमे से 132 जोड़ों की धूमधाम से शादी कराई गई. मुखमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन में शामिल होने के लिए दूर-दूर से वर और वधु पहुंचे. सम्मेलन में सभी की शादी रीति रिवाज के अनुसार संपन्न कराया गया.
ऐसे हुआ खुलासा
जब शादी हो रही थी तभी एक संदिग्ध जोड़ा नजर आया. जब उनसे अलग-अलग जानकारी ली तो हकीकत खुद व खुद सामने आ गई है. झांसी के बामोर निवासी ख़ुशी की शादी छतरपुर मध्य प्रदेश के बृषभान के साथ तय हुई थी और समारोह में उनका रजिस्ट्रेशन 36 नंबर पर था. ख़ुशी ने फेरे लेते ही मांग से सिंदूर व बिंदी पोंछ डाली. वहीं, दूल्हे बृषभान से ज़ब बात की गयी तो उसने कबूल किया कि असल में उसका नाम दिनेश है और वह छतरपुर नहीं बल्कि बामोर का रहने वाला है.
दुल्हन का लगता है जीजा
दिनेश ने बताया कि बृषभान से शादी होनी थी, लेकिन वह नहीं आया तो विभाग के ही कुछ लोगों के कहने पर वह बृषभान की जगह दूल्हा बन गया. उसने यह भी बताया कि वह पहले से शादीशुदा है और ख़ुशी का रिश्ते में जीजा लगता है. सूत्रों का कहना है कि विवाह समारोह में सरकार की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद हड़पने के लिए ऐसा खेल किया गया था. इस खेल में विभागीय अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल बताये गये हैं.
जानिए क्या बोले अधिकारी
समाज कल्याण अधिकारी ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. फिर भी इसकी जांच कराई जायेगी. आधार कार्ड मिलाकर हम लोग सामान बांटते है. ब्लॉक से जो सूची आती है उसी के आधार पर हम लोग शादी कराते हैं. यदि कोई शिकायत मिलती है तो जांच कराई जाएगी.