Lunar Nuclear Power Plant: आपने अब तक धरती पर ही पावर प्लांट के बारें में सुना होगा, लेकिन रूस अब चंद्रमा पर न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने की तैयारी कर रहा है. खास बात यह है भारत ने भी रूस की इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर अपनी गहरी रुचि दिखाई है, और वो भी इस मिशन में रूस के साथ हाथ मिलाने को तैयार है. रूस की इस परीयोजना का मकसद चंद्रमा में बनने वाले बेस को ऊर्जा की आपूर्ति करना है.
आधा मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन
जानकारी के मुताबिक, इस परियोजना का नेतृत्व रूस की सरकारी परमाणु निगम रोसाटॉम कर रहा है. पहली बार चंद्रमा पर बनने वाले इस परमाणु ऊर्जा संयंत्र से आधा मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जो चंद्रमा में बने बेस को भेजी जाएगी. वहीं, रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने बताया कि चंद्रमा पर न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने का काम चल रहा है, जिसमें रूस और चीन मिलकर काम कर रहे है और 2036 तक इसे चांद पर स्थापित कर दिया जाएगा.
भारत के लिए क्यों खास है यह प्लांट?
रूस के द्वारा चंद्रमा में स्थापित किया जा रहा परमाणु संयंत्र भारत के लिए भी खास है. क्योंकि भारत की योजना 2040 तक इंसान को चंद्रमा में भेजने की है. ऐसे में यह प्लांट वहां उर्जा की आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है. कहा जा रहा है कि रूस का यह प्लांट साल 2035 और 2045 के बीच कभी भी शुरू हो सकता है.
भारत ने भी 2050 तक का रखा लक्ष्य
बता दें कि रूस के इस प्लांट का उद्देश्य वैज्ञानिक अनुसंधान करना है, जिसका अधिकांश देश इस्तेमाल कर सकेंगे. वहीं ऐसा भी हो सकता है कि कुछ देशों को इसका लाभ न मिले. फिलहाल भारत ने भी साल 2050 तक चंद्रमा में बेस स्थापित करने का लक्ष्य रखा है.
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