Karwa Chauth 2023: इस गांव के लिए कलंक से कम नहीं है करवा चौथ, व्रत रखने से उजड़ जाता है सुहाग!

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Karwa Chauth 2023: आज चारों तरफ घर से लेकर बाजार तक करवा चौथ की रौनक देखने को मिल रही है. सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए कठिन निर्जला व्रत रखीं हैं. लेकिन आज हम आपको उत्तर प्रदेश के एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां करवा चौथ का व्रत किसी श्राप से कम नहीं है. जहां हर जगह मान्यता है कि करवा चौथ व्रत रखने से सुहाग अमर होता है, तो वहीं यहां ठीक उल्टा होता है. यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि करवा चौथ व्रत रखने से सुहाग उजड़ जाता है. आइए जानते हैं इस गांव के बारे में…

जानिए पूरी कहानी
दरअसल, हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के सुरीर कस्बे की. जहां करवा चौथ के दिन सन्नाटा पसर जाता है. स्थानीय लोगों की मानें तो इस गांव में करीब सैकड़ों साल पहले रामनगला (नौहझील) गांव का ब्राह्मण युवक अपनी पत्‍‌नी को ससुराल से विदा कराने के बाद सुरीर के रास्ते भैंसा-बुग्गी से अपने गांव की ओर लौट रहा था. इसी दौरान सुरीर में क्षत्रिय समाज के लोगों ने उन्हें रोक लिया. क्षत्रिय समाज के लोग बुग्गी में लगे भैंसे को अपना बताकर विवाद खड़ा करने लगे. विवाद इतना बढ़ गया कि ब्राह्मण युवक की क्षत्रिय लोगों ने पत्नी के सामने ही उसकी हत्या कर दी. जिस दिन हत्या हुई उस दिन करवा चौथ का व्रत था. पति हत्या से गुस्साई पत्नी ने श्राप दिया कि अगर कोई सुहागिन स्त्री इस गांव में करवा चौथ का व्रत रखेगी तो उसका सुहाग उजड़ जाएगा और वो विधवा हो जाएगी. इसके बाद से ब्राम्हण की पत्नी सती हो गई.

इस घटना के बाद से उस गांव में करवा चौथ वाले दिन अनहोनी शुरू होने लगी. स्थानीय लोगों की मानें तो इस गांव की कई नव विवाहिताएं करवा चौथ व्रत रखने से विधवा हो गईं. जिसे देखते हुए गांव के बुजुर्गों ने इसे सती का श्राप मान लिया. हालांकि पूर्वजनों ने इस गलती के लिए क्षमा भी मांगी, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ. तभी से इस गांव में करवा चौथ मनाना तो दूर, इस दिन महिलाएं अपना पूरा शृंगार भी नहीं करती है.

आज तक बना हुआ है डर
बताते चलें के सुरीर गांव में 200 से ढाई सौ परिवार क्षत्रिय समाज के हैं. करवा चौथ का व्रत खासतौर पर क्षत्रिय समाज की महिलाएं व्रत नहीं रखती, क्योंकि इस समाज की कई महिलाएं करवा चौथ मनाने का श्राप झेल चुकी हैं. व्रत रखने पर उनके सुहाग उजड़ गए. जिसका डर आज भी क्षत्रिय महिलाओं में है. यही वजह है कि इस गांव की महिलाएं करवा चौथ का व्रत नहीं रखती हैं. इस घटना के बाद से लेकर आज तक राम नगला के लोग सुरीर गांव से रोटी-बेटी के संबंध नहीं रखते. आज भी राम नगला की महिलाएं सुरीर में कहीं खाना तो दूर, पानी तक नहीं पीती हैं.

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