Merry Christmas: क्रिसमस पर सांता क्लॉज क्यों पहनते हैं लाल पोशाक? जानिए इसके पीछे की कहानी

Raginee Rai
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Merry Christmas 2023: हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्‍योहर बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इसके आते ही एक ही धुन मन में बजने लगती है, जिंगल बेल जिंगल बेल. यह धुन एहसास कराती है कि क्रिसमस का त्‍योहार आ गया है. क्रिसमस के दिन क्रिसमस ट्री, केक और बच्‍चों को गिफ्ट देने वाले सांता का क्रेज रहता है. सांता जो लाल रंग के पोशाक में रहता है, जिसका मोटा सा पेट, बड़े बाल, सफेद दाढ़ी और हाथ में बेल होती है.

वो अपनी पीठ पर गिफ्ट की पोटली लिए बच्चों को गिफ्ट देने आता है. क्रिसमस ट्री और क्रिसमस से जुड़ी कई सारी दिलचस्‍प कहानियां और किस्से तो आपको पता हैं लेकिन आज क्‍या आप जानते हैं कि सांता क्‍लॉज क्रिसमस डे पर लाल रंग के ही कपड़े क्‍यों पहनते हैं. 25 दिसंबर यानी ​प्रभु यीशु के जन्मदिन पर हर साल सांता क्लॉज भी खुशियां बांटते हैं और बच्चों को गिफ्ट्स देते हैं. इस दिन को बड़े धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता हैं. आपने गौर किया होगा कि क्रिसमस के दिन ज्यादातर लोग लाल रंग के कपड़े और लाल रंग की टोपी लगाते हैं. ऐसा क्‍यों, चलिए जानते हैं.

संत निकोलस धरते थे सेंटा क्‍लॉज का रूप

ईसाई संत निकोलस किसी भी गरीब को पैसे की तंगी के वजह से क्रिसमस मनाने से वंचित नहीं देख सकते थे. इसलिए वह गरीबों को खाने की चीजें और गिफ्ट बांटते थे. इस काम के दौरान वह लाल कपड़े पहनकर, चेहरे को दाढ़ी से ढककर निकलते थे. कहा जाता है कि तभी से सेंटा क्लाज का लाल पोशाक वाला रूप सामने आया.

एक मान्यता के अनुसार

क्रिसमस के दिन लाल रंग के कपड़ों को लेकर कई सारी किस्‍से हैं. कहा जाता है कि लाल रंग प्‍यार और खुशी का रंग है. ईसाई धर्म में लाल रंग को जीसस क्राइस्ट के खून का प्रतीक माना जाता है. जो दूसरों के प्रति जीसस के बेपनाह प्‍यार को दर्शाता है. प्रभु यीशु हर ईसाई को अपनी संतान मानते थे और उन्‍हें बहुत प्‍यार करते थे. यही कारण थी कि वो लाल रंग के जरिए सभी को मानवता का पाठ पढ़ाना चाहते थे. उनका मानना था कि लाल खुशी का रंग है. इसलिए जहां प्‍यार होगा वहां खुशी दौड़ी चली आएगी.

 अन्य मान्यता 

क्रिसमस के दिन लाल रंग को लेकर दूसरी  मान्‍यता है कि मध्य युग के दौरान यूरोप के कई हिस्सों में क्रिसमस के एक दिन पहले शाम को पैराडाइज प्ले यानी नाटकों का आयोजन किया जाता था. इन नाटकों में दिखाया जाता है कि बगीचे में पैराडाइज ट्री पर लाल सेब लगे हुए होते थे. जो एडम का प्रतिनिधित्व करते हैं. साथ ही होली बेरीज जो एक तरह का पौधा है उसका रंग भी लाल होता है, जिसे ईसाई लोग काफी पसंद करते हैं. इसलिए कहा जाता है कि सांता क्लॉज लाल रंग के कपड़े पहन कर आता है.

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