NASA: आज गायब हो जाएगा पृथ्वी का दूसरा चंद्रमा, जानिए क्या है मामला

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Mini Moon: पिछले दो महीने से साथ रह रहे पृथ्‍वी के इस दोस्‍त ‘मिनी मून’ को अब अलविदा कहने का समय आ गया है. मिनी मून एक 33 फुट का स्टेरॉयड है जिसे 2024 पीटी5 के नाम से जाना जाता है. ये पिछले दो महीनों से धरती का चक्कर लगा रहा है, जिससे किसी को कोई नुकसान नहीं होने वाला है.

हालांकि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि ये स्टेरॉयड सूर्य की मजबूत पकड़ के आगे झुककर, सोमवार को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव से मुक्त हो जाएगा. लेकिन यह कोई स्थायी विदाई नहीं है, क्‍योंकि इस अंतरिक्ष चट्टान के आने वाले कुछ वर्षो में धरती के काफी नजदीक से गुजरने की संभावना है.

चांद का ही हिस्सा मिनी  मून

नासा के वैज्ञानिकों को 2024 पीटी5 को लेकर दावा किया है कि मिनी मून किसी पुराने स्टेरॉयड के प्रभाव से चंद्रमा का ही टूटा हुआ एक हिस्सा हो सकता है. उनका कहना है कि इस स्टेरॉयड ने कभी भी पूरी तरह से पृथ्वी की परिक्रमा नहीं की और न ही ये तकनीकी रूप से यह चंद्रमा का हिस्‍सा है. पृथ्‍वी के चारों ओर घोड़े के आकार का इसका रास्‍ता है, जो वैज्ञानिको के लिए अध्‍ययन का विषय बना हुआ है.

नासा ने अध्‍ययन के लिए बनाई ये योजना

बता दें कि इसे पहली बार अगस्त 2024 में देखा गया था और सितंबर के अंत में पृथ्वी के चारों ओर इसने अपने आधे हिस्से में प्रवेश किया था. स्टेरॉयड के इस यात्रा के दौरान नासा ने इसकी बारीकी से निरीक्षण करने के लिए कैलिफोर्निया के मोजावे रेगिस्तान में गोल्डस्टोन सौर मंडल रडार का उपयोग करने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य वस्तु की उत्पत्ति, संरचना और प्रक्षेपवक्र के बारे में वैज्ञानिकों की समझ को गहरा करना है.

नासा के मुताबिक, जनवरी में वापस आने तक यह चंद्रमा से लगभग पांच गुना अधिक सुरक्षित दूरी बनाए रखते हुए पृथ्वी के 1.1 मिलियन मील (1.8 मिलियन किलोमीटर) के भीतर से गुजरेगा. मैड्रिड के कॉम्प्लूटेंस विश्वविद्यालय के खगोल भौतिकीविद् ब्रदर्स राउल और कार्लोस डे ला फुएंते मार्कोसपहले ही कैनरी द्वीप समूह में दूरबीनों के साथ सैकड़ों अवलोकन एकत्र कर चुके हैं. बता दें कि इन्‍होंने ही सबसे पहले क्षुद्रग्रह के “मिनी मून” की पहचान की थी.

जानिए कितना दूर है मिनी मून

वहीं, वर्तमान की बात करें तो क्षुद्रग्रह पृथ्‍वी से 2 मिलियन मील (3.5 मिलियन किलोमीटर) से अधिक दूर है और सबसे शक्तिशाली दूरबीनों को छोड़कर सभी के लिए अदृश्य है. नासा के मुताबिक, जनवरी में अपनी यात्रा के दौरान इस स्टेरॉयड की गति नाटकीय रूप से बढ़ जाएगी, जिससे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के लिए इसे फिर से पकड़ना असंभव हो जाएगा.

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