ब्रह्मांड में दिखा “भगवान का हाथ”, DECamera ने कैप्चर की अद्भूत छवि

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

NASA: नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) हमें ब्रह्मांड की लुभावनी यात्रा पर ले जाता है. यह अक्‍सर ब्रह्मांड के ग्रहों, आकाशगंगाओं और सुदूर ब्रह्मांड की मनोरम छवियां शेयर करता है, ये तस्‍वीरें मन में ब्रह्मांड की हमारी जिज्ञासा को और बढ़ाती है. हमारी दुनिया से परे दूसरी दुनिया के कई आश्‍चर्यों को उजागर करती है. नासा ने एक और तस्वीर साझा की है, जिसमें हाथ के आकार जैसा एक खगोलीय पिंड दिखाया गया है.

ब्रहमांड में दिखा भगवान का हाथ

डार्क एनर्जी कैमरे (DECam) ने एक अद्भुत छवि को कैद किया है, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि ब्रह्मांड में दूर की सर्पिल आकाशगंगा की ओर एक भूतिया हाथ फैला हुआ है. इस हाथ को “भगवान का हाथ (गॉड्स हैंड) ” नाम दिया गया है. शेयर की गई तस्‍वीर में आकाशीय संरचनाएं गैस और धूल के बादल दिख रहे हैं. इस छवि को चिली में विक्टर एम. ब्लैंको टेलीस्कोप पर स्थापित DECam  से कैप्‍चर की गई है, जिसे हास्य ग्लोब्यूल के रूप में जाना जाता है, जो हमारे ब्रह्मांड की गहराई की एक झलक देती है.

यह गम नेबुला

NASA ने इसके रहस्‍य से पर्दा उठाया. बताया कि ये चमकीली चीज कुछ और नहीं, बल्‍क‍ि एक नेबुला है जो तारे के टूटने के बाद बचा रह गया. यहां पर सितारों का जन्‍म हो रहा है. नासा के अनुसार, यह गम नेबुला है, जिसे सीजी 4 के नाम से जाना जाता है. जो 1,300 प्रकाश वर्ष दूर है. सीजी 4 गैस और धूल से बना एक बादल है, जहां सितारों का जन्‍म होता है. लेकिन अजीब आकार की वजह से इसे दो नाम दिए गए हैं. धूमकेतु से मिलती-जुलती पूंछ की वजह से इसे कॉमेट्री ग्‍लोब्‍यूल के नाम से जाना जाता है. तो वहीं, ब्रम्‍हांड में फैली विशाल भुजाओं की वजह से इसे Hand of God यानी ‘भगवान का हाथ’ भी कहा जाता है.

हास्य ग्लोब्यूल्स क्या हैं?

धूमकेतु ग्लोब्यूल्स, जो पहली बार 1976 में देखे गए थे, उनका धूमकेतुओं से कोई संबंध नहीं है. ये अंतरिक्ष में गैस और धूल के घने, सघन बादल हैं जिनका आकार लंबी, हल्की चमकती पूंछ वाले धूमकेतुओं जैसा दिखता है. उनके कोर में नवजात तारे होते हैं और वे पास के तारों से भारी विकिरण द्वारा बनाते हैं. आकाशगंगाओं के अंदर तारकीय जन्म और विकास की प्रक्रिया में धूमकेतु ग्लोब्यूल्स एक अहम भूमिका निभाते हैं. तस्वीर में, ऐसा लग रहा है कि ‘भगवान का हाथ’ ESO 257-19 (PGC 21338) को पकड़ने वाला है, लेकिन वास्तव में, उनके बीच लगभग 100 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी है. बता दें कि हास्य ग्लोब्यूल का निर्माण अभी भी एक रहस्य है.

क्या है ये भगवान का हाथ?

डार्क एनर्जी कैमरे  से कैद की हुई तस्‍वीर भगवान का हाथ, सीजी 4 दिखाती हैं, जो 1,300 प्रकाश वर्ष दूर तारामंडल ‘पुपिस’ में मिल्की वे गैलेक्‍सी के अंदर पाया गया एक हास्य ग्लोब्यूल है. सीजी 4 का मुख्य धूल भरा सिर है, जो घूमते हुए हाथ जैसा प्रतीत होता है, जिसकी लंबाई 1.5 प्रकाश वर्ष है, जबकि लंबी पूंछ 8 प्रकाश वर्ष तक फैली हुई है.

तस्‍वीर से ऐसा मालूम होता है कि ” गॉड्स हैंड” 100 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर ईएसओ 257-19 (पीजीसी 21338) नामक सुदूर सर्पिल गैलेक्‍सी की ओर पहुंच रहा है. यद्यपि इसका नाम “भगवान का हाथ” है, लेकिन आकाशीय संरचना के बारे में कुछ भी अलौकिक नहीं है.

DECam में विशेष फिल्‍टर

सीजी 4 की मनमोहक तस्वीर DECam द्वारा ली गई है, जो समुद्र तल से 7,200 फीट ऊपर चिली में विक्टर एम ब्लैंको टेलीस्कोप पर एक उच्च तकनीक उपकरण है. इस तस्‍वीर में सीजी 4 का धूल भरा सिर और लंबी पूंछ नजर आ रही है. ऐसा लग रहा कि यह एक आकाशगंगा को निगलने की तैयारी में है. लेकिन क्‍लोजअप करने पर आप देखेंगे कि इससे दो सितारों का जन्‍म हो रहा है, जो उंगलियों के समान नजर आ रहे हैं. कॉमेट्री ग्‍लोब्‍यूल कैसे बनते हैं, यह अभी भी रहस्‍य है. कुछ खगोलशास्त्रियों का मानना ​​है कि इनका निर्माण पास के विशाल गर्म तारों से आने वाली हवाओं होता है. दूसरों का सुझाव है कि ये संरचनाएं गोलाकार निहारिकाएं हो सकती हैं जो पास के सुपरनोवा के असर से विकृत हो जाती हैं.

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