खत्म हुआ 60 साल का इंतजार! NASA ने पृथ्वी पर खोजा इलेक्ट्रिक फिल्ड, वैज्ञानिक भी हैरान

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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NASA Research:  नासा की एक रॉकेट टीम को बड़ी उपलब्धि मिली है. रॉकेट टीम ने पृथ्वी पर छिपे हुए ऐसे में इलैक्ट्रिक फील्ड का पता लगा लिया है, जिसका उसने करीब 60 साल पहले कल्‍पना की थी और पिछले कई दशकों से इसका पता लगाने के लिए सघर्ष कर रहे थें. दरअसल ये इलैक्ट्रिक फील्ड ध्रुवीय हवा को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही आवेशित कणों को सुपरसोनिक स्पीड से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने में भी सक्षम है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, पृथ्वी के चारों ओर एक लंबे समय से इलेक्ट्रिक फील्ड को एक तरह की ध्रुवीय हवा पैदा करने के लिए देखा गया है. जो कणों को सुपरसोनिक स्पीड से अंतरिक्ष में ले जाती है, जिसे वैज्ञानिक “एंबीपोलर इलेक्ट्रिक फील्ड” कहते हैं.

60 साल पहले की गई थी कल्‍पना

रिपोर्ट में बताया गया कि नासा की अंतराष्‍ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने सबऑर्बिटल रॉकेट के जरिए इकट्ठे किए गए डाटा के माध्‍यम से इस एंबिपोलर इलैक्ट्रिक फील्ड की खोज की है, जिसकी कल्‍पना 60 साल पहले की गई थी. जिसे नासा ने एंड्यूरेंस मिशन के जरिए खोज लिया है. वहीं, रॉकेट से मिली जानकारी के आधार पर वैज्ञानिकों ने एंबिपोलर इलैक्ट्रिक फील्ड की ताकत को मापा है, जिससे पता चलता है कि ऊपरी वायुमंडल की परत आयनमंडल को किस तरह प्रभावित करती है.

अंतरिक्ष में उपर उठ रहा वायुमंडल

वहीं, मैनासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिक ग्लिन कोलिन्सन का कहना है कि कुछ तो है, जो इन कणों को वायुमंडल से बाहर खींच रहा है. उन्‍होंने कहा कि इसके पीछे कोई इलेक्ट्रिक फील्ड हो सकता है, जिससे अभी तक खोजा नहीं गया है. कोलिन्सन ने कहा कि यह एक कन्वेयर बेल्ट की तरह है, जो वायुमंडल को अंतरिक्ष में ऊपर उठा रहा है.

पृथ्वी अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र

वैज्ञानिक ग्लिन कोलिन्सन के मुताबिक, वायुमंडल वाले किसी भी ग्रह में एक एंबीपोलर क्षेत्र होना चाहिए. हालांकि जब हमने इसे माप ही लिया है तो हमें अब यह जानना शुरू करना चाहिए कि समय के साथ इसने हमारे ग्रह के साथ-साथ अन्य ग्रहों को भी किस तरह आकार दिया है.

उनका कहना है कि पृथ्वी अंतरिक्ष में निष्क्रिय बैठी हुई मिट्टी का एक छोटा सा टुकड़ा मात्र नहीं बल्कि चारों ओर से घिरा हुआ एक गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र है, जिसके बारे में हम बहुत कुछ नहीं जानते है. खास तौर पर कि यह कितना फैला हुआ है. लेकिन इतना जरूर जानते है कि गुरुत्वाकर्षण के बिना हमारे पास कोई ग्रह नहीं होता.

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