Ajab Gajab News: सड़क पर चलने के दौरान आपने गौर किया होगा कि रोड डिवाइडर को पीले और काले रंग में रंगा गया है. क्या आपने इस बात पर गौर किया है कि ऐसा क्यों है. किसी अन्य रंग से इसे क्यों नहीं रंगा जाता है. आने जाने वाली सड़कों के बीच जिस डिवाइडर का प्रयोग किया जाता है, उनको अमूमन इसी रंग में रंगते हैं. आइए आज आपको बताते हैं ऐसा क्यों है.
किसी भी 2 से अधिक लेन की सड़कों पर विशेषकर किसी हाइवे पर आपने गौर किया होगा कि चालकों की सुविधा के लिए तमाम चीजें बनाई जाती हैं. जिसमें रोड डिवाइडर प्रमुख है. दरअसल, रोड डिवाइडर के बनने से सभी आने जाने वाली गाड़ियां अपने लेन में चलती हैं.
रंगों के पीछे का मुख्य कारण
रीड सिविल नाम की सिविल इंजीनियर्स की एक मैग्जीन के अनुसार रोड पर बने डिवाइडर को काले-पीले रंग में रंगने का काम इसलिए किया जाता है ताकी वो आसानी से रात में भी दिख सकें. इस रंग की चीजें आसानी से रात में नजर आती हैं. आपको बता दें कि इंटरनेशनल हाइवे कोड्स के अनुसार भी इन्हीं रंगों को मान्यता प्राप्त है. विज्ञान के अनुसार अगर इन रंगो पर लाइट्स पड़े तो वो आसानी से रिफ्लेक्ट हो जाती हैं. पीले और काले का जो पैटर्न होता है वो आखों को तुरंत दिखाई देता है. वहीं, माना जाता है कि कार चलाने वाले व्यक्ति की निगाह आसानी से उसपर पड़ जाती है.
सड़क पर बनी धारियों के पीछे की मुख्य वजह
सड़क पर बनी धारियों के बारे में भी आपने गौर किया होगा. सड़कों पर विभिन्न प्रकार की धारियां बनी होती है. ये लाइन्स चालकों को रोड पर चलने में मदद करती हैं. किसी सड़क पर सफेद लाइन होती है, तो वहीं किसी सड़क पर पीली धारी बनाई जाती है. अगर किसी सड़क पर सफेद धारी है तो इसका मतलब है कि कोई भी चालक वाहन को ओवरटेक नहीं कर सकता है. अगर सड़क पर टूटी ही सफेद लकीरें बनी होती हैं तो इसका मतलब है कि आप ओवरटेकर सकते हैं. वहीं, पीली दो धारियों का मतलब होता है कि किसी भी स्थिति में ओवरटेक करना खतरनाक हो सकता है.
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