बंदरों की नसबंदी कराएगी इस देश की सरकार, जानिए क्या है वजह

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Ajab Gajab News: दुनिया के किसी भी शहर में जब किसी जानवर का आतंक बढ़ने लगता है तो या तो उन जानवरों को भगा दिया जाता है या फिर उनको मार दिया जाता है. ऐसे ही समस्या का हल निकाला जाता है. लेकिन थाईलैंड के एक शहर में मामला कुछ हट के सामने आया है. थाइलैंड के लोपबुरी शहर में इस समय मैकाक बंदरों का आतंक देखने को मिल रहा है. बंदरों के आतंक के कारण लोगों को कई परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है.

ऐसे में बंदरों से निपटने के लिए थाइलैंड सरकार कुछ नया करने की तैयारी में है. बंदरों के गिरोह के आतंक से निपटने के लिए उनको मारा नहीं जाएगा, बल्कि उनकी नसबंद करने की तैयारी है.

दरअसल, थाईलैंड में लोपबुरी शहर अपने निवासी मैकाक बंदरों के लिए जाना जाता है. लोग लोपबुरी शहर को बंदरों का शहर भी कहते हैं. इस साल अप्रैल के महीने में सरकार ने यहां पर रह रहे अधिकांश बंदरों को पकड़ने और उनकी नसबंदी कर उन्हें फिर से घर में बसाने के लिए तीन-चरणीय शांति योजना की घोषणा की.

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जानिए क्या बोले अधिकारी

इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि वे बंदरों को नपुंसक बनाने या उनका बधियाकरण करने की कोशिशों को बढ़ा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि शहर के निवासी बंदरों से पीड़ित हैं. बंदर यहां के निवासियों के खिलाफ हिंसा कर रहे हैं. पिछले 10 सालों में लगभग 2600 बंदरों का बधियाकरण किया गया है ताकि उनकी बढ़ती संख्या को घटाया जा सके.

कहां बसा है ये शहर

जानकारी दें कि यह शहर बैंकॉक से लगभग 100 मील उत्तर में बसा है. बंदरों के शहर के नाम से मशहूर होने के कारण यह पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया था, लेकिन बंदरों की संख्या में लगातार इजाफा के कारण स्थानीय लोग परेशान होने लगे. हाल के दिनों में एक पुलिस की टीम ने करीब 1200 बंदरों को जाल में फंसाया इसके लिए पुलिस द्वारा उष्णकटिबंधीय फल का उपयोग किया गया था.

गौरतलब है कि बैंककॉक पोस्ट के अनुसार हाल के दिनों में घटनाओं में काफी वृद्धि देखी गई है. लोपबुरी प्रांतीय पुलिस के प्रमुख ने पुलिस अधिकारियों के लिए आक्रामक बंदरों के खिलाफ गुलेल के इस्तेमाल को मंजूरी दी.

द प्रिंटलाइंस-

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