Treasure Discovery in Turkey: मिशिगन यूनिवर्सिटी के आर्कियोलॉजिस्ट की टीम को तुर्की के प्राचीन शहर नोशन में एक सोने के सिक्के से भरा घड़ा हाथ लगा है, जिसने सभी को चौका दिया है. कहा जा रहा है कि इस घड़ें में मिले सिक्के पर एक धनुर्धर की छवि है. आर्कियोलॉजिस्ट की टीम के अनुसार यह फारसी करेंसी है, जिसे डेरिक्स कहा जाता है, यह 427 ईसा पूर्व में सेना में सैनिकों को सैलरी के तौर पर दिया जाता था.
पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व के है सिक्के
नोशन आर्कियोलॉजिस्ट सर्वे के डायरेक्टर और मिशीगन यूनिवर्सिटी के आर्कियोलॉजिस्ट क्रिस्टोफर रैटे ने कहा कि सिक्कों से भरा यह घड़ा नोशन के एक तीसरी शताब्दी के इमारत के एक कोने में दबा मिला. लेकिन जो सिक्कों से घड़ा उन्हें मिला है यह उस घर से भी कहीं ज्यादा पुराना है. उनके हिसाब से यह सिक्के पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व के हैं, जिस पर घुटने टेके एक धनुर्धर की आकृति बनी हुई है.
उनका कहना है कि टीम इन सोने के सिक्कों की तलाश में नहीं थी, लेकिन अचानक इसके सामने आते ही सब चौंक गए. हालांकि रिसर्च में इस खजाने के बारे में और भी कई दिलचस्प बातें बताई गई हैं. चलिए उन्हें जानते है.
खजाने से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
घुटना टेके हुए धनुर्धर की छवि:- इस खजाने की खोज करने वाली टीम का कहना है कि सिक्कों पर घुटना टेके हुए धनुर्धर की छवि बनी हुई है, जो कुछ बातों का संकेत करती है.
फारसी साम्राज्य से कनेक्शन:- वहीं, इस खजाने के सिक्कों पर दिखने वाली धनुर्धर की छवि फारस के साम्राज्य (वर्तमान में ईरान) में इस्तेमाल होने वाले सोने के सिक्के जैसी है. जिसे डेरिक कहा जाता है.
क्या है डेरिक:- बता दें कि डेरिक फारसी करंसी है. जिसे लेकर शोधकर्ताओं का दावा है कि फारसी साम्राज्य में इनका इस्तेमाल सैनिकों को वेतन देने में किया जाता था. सैनिक के एक महीने का वेतन 1 डेरिक होता था.
कहां बनाए गए थे सिक्के:- रिसर्च से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है, हो सकता है कि ये सिक्के नोशन से करीब 100 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में सार्डिस में ढाले गए हो. वहां से यह यहां पहुंचे गए हों.
क्या है नोशन का फारस से कनेक्शन:- नोशन ग्रीन और फारसी सेनाओं के गढ़ के बीच पड़ता है. यह जगह कई जंग का गवाह रही है. इस शहर पर 430 और 427 ईसा पूर्व के बीच सैनिकों ने खून बहाया था.
सिक्के खोलेंगे ये राज
नोशन में खुदाई करने वाले शोधकर्ताओं ने कहा है कि आगे भी यहां खोज जारी रहेगी. साथही खजाने में मिले सिक्कों का विश्लेषण तुर्की स्थित इफिसस पुरातत्व संग्रहालय के शोधकर्ता कर रहे हैं. उनका कहना है कि खजाने को जरूरत पडने पर बाद में निकाले जाने के इरादे के साथ जमीन में दबाकर रखा जाता है. हालांकि यह पता नहीं चल पाया है कि यह किस लिए यहां पर दबाकर रखा गया था.
यह भी पढ़ें:-Treasure Found: तुर्की के इस शहर में मिला सोने के सिक्कों का घड़ा, 427 ईसा पूर्व में होता था इस्तेमाल