Amazing: देश का एक ऐसा मंदिर जहां नहीं होती किसी भी भगवान की पूजा, जानिए इसकी वजह 

Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Swarved Mandir Dham: उत्तर प्रदेश के वाराणसी को देश की आध्यात्मिक राजधानी कहा जाता है. वाराणसी में एक से बढ़कर एक मंदिर है. यहां पर हर गली हर सड़क पर आपको आसानी से मंदिर मिल जाएंगे. यहां के अधिकांश मंदिर ऐसे हैं जो सदियों पुराने है. वाराणसी के मंदिरों को देखने और समझने के लिए देश के हर कोने के साथ विश्व के तमाम देशों से पर्यटक आते हैं. हम सभी जानते हैं कि किसी भी मंदिर में देवी देवताओं की पूजा की जाती है. ऐसे में आपको बताते हैं वाराणसी के एक ऐसे मंदिर के बारे में जिसमें किसी भी भगवान की पूजा नहीं की जाती है. सबसे खास बात ये है कि यहां पर सिर्फ मेडिटेशन किया जाता है.

हाल ही में इस मंदिर का पीएम ने किया था उद्घाटन 

आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री ने वाराणसी का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने  वाराणसी के उमराहा में नवनिर्मित स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया था. इस मंदिर का निर्माण वर्ष 2004 से किया जा रहा था. इस मंदिर न केवल एक सामान्य मंदिर है, बल्कि ये विश्व का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर भी है. इस मेडिटेशन सेंटर में एक साथ लगभग 20 हजार लोग बैठकर योगाभ्यास कर सकते हैं.
जानकारी दें कि  इस मंदिर का नाम दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है जिसमें स्व: का एक अर्थ है आत्मा, और वेद का अर्थ है ज्ञान. यानि जिसके द्वारा आत्मा का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, उसे स्वर्वेद कहते हैं. वाराणसी के उमराहा में नवनिर्मित अनोखे स्वर्वेद महामंदिर में किसी भी देवी देवता की पूजा नहीं की जाती है. इस मंदिर में ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति के लिए योग साधना की जाती है.

जानिए इस मंदिर की खासियत 

  • ये महामंदिर विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र यानी मेडिटेशन सेंटर है.
  • यहां पर एक साथ 20,000 से अधिक लोग बैठ सकते हैं, योग कर सकते हैं.
  • मंदिर की बनावट 125 पंखुड़ी वालले कमल गुंबद से सजा हुआ है.
  • ये सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज के जीवन पर यांत्रिकी प्रस्तुति.
  • इस मंदिर को बनाने में 20 साल से अधिक का समय लगा.
  • मंदिर में लगे मार्बल पर स्वर्वेद के 3137 छंद उकेरे गए हैं.
  • मंदिर 3 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा में फैला हुआ है.
  • 101 फव्वारे मंदिर के अंदर लगाए गए हैं.
  • इस मंदिर के अंदर जड़ी-बूटियों वाला बगीचा भी है.
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