Shani Ki Sadhe Sati: शनि के प्रकोप से तुरंत मिलेगी मुक्ति, जानिए साढ़ेसाती और ढैय्या दूर करने के उपाय

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Shani Ki Sadhe Sati: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कर्मो के न्याय देवता शनिदेव का विशेष महत्व है. शनिदेव जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं. नवग्रहों में सबसे धीमी चाल से चलने वाले ग्रह शनि देव हैं. यही वजह है कि शनि जिस जातक की कुंडली में खराब स्थिति में होते हैं, उसे लंबे समय तक इसका प्रकोप झेलना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रकोप से मुक्ति के कई उपाय बताए गए हैं, जिससे आपको मुक्ति मिल सकती है. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में…

शनि के प्रकोप से बचने के उपाय…

  • यदि आप पर भी शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है तो हर शनिवार के दिन काले तिल, आटा, शक्कर लेकर इन तीनों चीजों को मिला लें, उसके बाद ये मिश्रण काली चींटियों को खिलाएं. ऐसा करने से शनि के बुरे प्रकोप से मुक्ति मिलती है.
  • यदि आप शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित हैं तो काले घोड़े की नाल या नाव की कील से अंगूठी बनाकर अपनी मध्यमा उंगली में शनिवार को सूर्यास्त के समय धारण करें. ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या मुक्ति मिलती है.
  • यदि आप शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रकोप से मुक्ति चाहते हैं तो शनिवार के दिन तिल, काला कपड़ा, कंबल, लोहे के बर्तन, उदड़ की दाल का दान करें. ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं, जिससे हमें करियर में आसानी से सफलता मिलती है.
  • शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करें. इस दौरान नीले पुष्प अर्पित करें. इसके साथ ही शनि मंत्र ॐ शं शनैश्चराय नमः का रुद्राक्ष की माला से एक माला जाप करें. ऐसा हर शनिवार करने से साढ़ेसाती से मुक्ति मिलती है.
  • शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद पीपल को जल अर्पित करें. इसके बाद कटोरी में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें. उसके बाद उस तेल को किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें. इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और भाग्य संबंधी यानी हमारी करियर में आ रही सभी बाधाएं भी दूर होती हैं.

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(Disclaimer: इस लेख में दी गई सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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