Astrology: देखते ही देखते शनि देव बदल सकते हैं आपका भाग्य, जानिए कैसे चलेगा पता

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Astrology: सभी के जीवन में उसका भाग्य बहुत मायने रखता है. कहा जाता है कि कितना भी कर्म करो, अगर भाग्य रूठा है, तो खूब कर्म करने पर भी सकारात्मक नतीजे नहीं मिलते. जानकारों की मानें, तो किसी के भाग्य का निर्माण उसकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही होता है. इससे सौभाग्य और दुर्भाग्य दोनों का निर्माण होता है. इसलिए सभी जानना चाहता है कि उसका आने वाला समय या मौजूदा समय सौभाग्य या दुर्भाग्य से भरा है.

ऐसे करें भाग्य की पहचान

आपको बता दें, ऐसे में अगर आप अपने भाग्य की पहचान करना चाहते हैं, तो इसका बेहद आसान तरीका है जिसे जानने पर आपको अपने भाग्य में चल रहे समय की पहचान हो जाएगी. वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि को सभी ग्रहों में सबसे खास स्थान दिया गया है, ऐसे में शनि की कुंडली में स्थिति को देखकर आप अपने भाग्य की पहचान कर सकते हैं.

जानिए किस राशि में शनि के होने पर होगा कैसा भाग्य

अगर पहले भाव में हो शनि

दरअसल, शनि आपकी कुंडली में अगर पहले भाव में शनि स्थित हैं, तो यहां आपका भाग्य मिला जुला फल देगा. अगर आप मेहनत करने से नहीं घबराएंगे तो आप धनवान और सुखी होंगे.

अगर दूसरे भाव में शनि

आपको बता दें, अगर शनि आपकी कुंडली के दूसरे भाव में स्थित है, तो यह पैसे कमाने के लिए आपको अपने परिवार से दूर भेज सकता है. वहीं पर आपके नेचर में अचानक से आए बदलाव के कारण लोग आपसे दूरी बना सकते हैं.

अगर कुंडली के तीसरे भाव में हों शनि

शनि के कुंडली के तीसरे भाव में स्थित होने पर जातक न्यायी, प्रैक्टिकल और होशियार बनता है. ऐसे लोग बहुत तेजी से लोकप्रियता हासिल करते हैं.

अगर कुंडली के चौथे भाव में हों शनि

शनि अगर आपकी कुंडली के चौथे भाव में स्थित है, तो यह आपको उदार और शांत बनाता है, आप दूसरों की मदद करने में विश्वास रखते हैं. अगर आप अपने घर से दूर रहेंगे, तो ज्यादा तरक्की मिलेगी.

5वें भाव में शनि

अगर शनि कुंडली में 5वें भाव में बैठा हो तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वह व्यक्ति रहस्यमय होता है. ऐसे व्यक्ति न किसी से अपनी बात शेयर करते हैं और न ही दूसरों की बातों में रुचि रखते हैं.

छठे भाव में शनि का फल

अगर किसी जातक की कुंडली में शनि छठे भाव में रहता है तो ऐसे व्यक्ति अपने शत्रुओं पर जीत हासिल करते हैं, ये लोग काफी बहादुर और बलवान होते हैं, साथ ही इनके पास पैसों की कभी कोई कमी नहीं होती है.

7वें भाव में शनि की मौजूदगी

कुंडली के सातवें भाव में शनि होने पर व्यक्ति को व्यापार में काफी सफलता मिलती है. ऐसे व्यक्ति का दांपत्य जीवन काफी सुखमय रहता है. कुंडली के आठवें भाव में शनि होने पर व्यक्ति लंबी आयु प्राप्त करता है.

8वें भाव में शनि की मौजूदगी

शनि के आठवें भाव में होने पर व्यक्ति किसी भी काम में आसानी से सफल नहीं होता और उसे जीवन में कई बार बड़ी परेशानियों से गुजरना पड़ता है.

नौवें भाव में शनि

ऐसे व्यक्ति जिसकी कुंडली में नौवें भाव में शनि होते हैं, उन्हें मिले जुले परिणाम प्राप्त होते हैं. ऐसे व्यक्ति विचारशील, दानी और दयालु स्वभाव के होते हैं. दूसरे के प्रति आपका व्यवहार अच्छा रहता है.

दसवें भाव में शनि का प्रभाव

शनि के दशम भाव में होने पर व्यक्ति धनी, धार्मिक होता है. ऐसे लोगों को नौकरी में कोई ऊंचा पद भी मिल जाता है.

ग्यारहवें भाव में शनि की मौजूदगी से असर

अगर शनि कुंडली के ग्यारहवें भाव में शनि के होने पर व्यक्ति लंबी आयु वाला होने के साथ ही धनी, कल्पनाशील और स्वस्थ रहता है. साथ ही उसे सभी सुखों की प्राप्ति होती है.

12वें भाव में शनि से क्या होता है प्रभाव

आपको बता दें कि अगर शनि देव कुंडली के बारहवें भाव में हैं, तो ऐसा व्यक्ति अक्सर अशांत

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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