Bankebihari Bhog on Holi in Vrindavan: होली का त्यौहार हिन्दू धर्म में एक प्रमुख पर्व है. इस त्यौहार का लोगों को पूरे साल बेसब्री से इंतजार रहता है. वैसे तो पूरे भारत में अलग-अलग परंपरा के साथ होली का पर्व मनाया जाता है. लेकिन वृंदावन के होली की बात ही अलग है. बता दें कि यहां पर होली की धूम अभी से शुरू हो गई है. आइए जानते हैं क्यों खास है वृंदावन की होली.
10 बार पोशाक बदलेंगे बांके बिहारी
दरअसल, वृंदावन की होली पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां होली खेलने के लिए लोग देश के कोने-कोने से आते हैं. वृंदावन में होली की शुरुआत बसंत पंचमी के दिन से ही हो जाती है. मुख्य रूप से होली का पर्व यहां 5 दिनों तक बहुत खास रहता है. वहीं, इस बार वृंदावन की होली बहुत खास होने वाली है. बता दें कि इस बार होली में बांके बिहारी यानी ठाकुर जी 10 बार पोशाक बदलेंगे.
होली की विशेष तैयारी
आपको बता दें कि इस साल होलिका दहन 24 मार्च को है और अगले दिन यानी 25 मार्च को होली खेली जाएगी. वृंदावन में बांके बिहारी जी यानी ठाकुर जी के दरबार में 5 दिनों भक्तों की भारी भीड़ लगने की संभावना है. इस दौरान बांके बिहारी को अलग-अलग पोशाक और भोग लगाया जाएगा. होली के दिन दसों वक्त अरारोट से बना लाल गुलाल ठाकुर जी को अर्पित किया जाएगा. होली के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए सेवाकारों द्वारा गुनगुने पानी में टेसू के फूल का रंग तैयार किया जा रहा हैं. वहीं, मंदिर में उड़ाने के लिए अबीर, भुड़भुड़ी, गुलाल के भी प्रबंध किए जा रहे हैं.
ठंडाई समेत इन चीजों का लगेगा भोग
वृंदावन में 5 दिनों तक चलने वाले होली उत्सव में अलग-अलग स्वाद, स्वरूप, सुगंध वाली ठंडाई का भोग लगाया जाएगा. ये भोग तीनों टाइम होने वाली आरतियों के बाद लगाया जाएगा. बता दें कि बांके बिहारी को चढ़ाई जाने वाली ठंडाई को किसमिस, काजू, बादाम, अखरोट, अंजीर, मुनक्का, पिस्ता, इलायची, पोस्त, दूध, क्रीम, काली मिर्च, खरबूजे के बीज, गुलकंद, रबड़ी, अधौटा समेत कई चीजों से तैयार किया जाएगा. इसके अलावा बांके बिहारी जी को चाट- चटौनी, दहीबड़ा और आलू की जलेबियों का भी भोग लगाया जाएगा.
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