Bedroom Vastu Tips: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है. यह प्रकृति और ऊर्जा के नियमों पर आधारित भारतीय संस्कृति का एक प्राचीन विज्ञान है, जिसे लोग घर बनाते समय या घर में चीजों को व्यवस्थित करते समय ध्यान में रखते हैं. घर में मौजूद कोई भी चीज अगर गलत दिशा में तो वास्तु दोष लगता है. घर में मौजूद हर एक चीज को सही जगह और दिशा में रखना और बनवाना चाहिए.
आज हम आपको वास्तु के अनुसार बेडरूम और बाथरूम की सही दिशा के बारे में बताने जा रहे हैं. साथ ही हम आपको ये भी बताएंगे कि बेडरूम में बाथरूम होना चाहिए या नहीं?
बेडरूम में न हो बाथरूम, क्यों?
वास्तु शास्त्र की मानें तेा बेडरूम में कभी भी बाथरूम नहीं होना चाहिए. दरअसल, दोनों की ऊर्जा एक-दूसरे से अलग मानी जाती है. यदि दोनों की ऊर्जा का आदान-प्रदान होगा, तो इससे घरवालों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. इसके अलावा धन हानि भी होती है.
बाथरूम किस दिशा में नहीं होना चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, कभी भी बाथरूम को पूर्व-उत्तर की दिशा में नहीं बनवाना चाहिए. इसके लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा उत्तम मानी जाती है. इसके अलावा बाथरूम में एक बड़ी खिड़की भी होनी चाहिए. बाथरूम में डार्क कलर की टाइल्स नहीं होनी चाहिए. अगर आपके बेडरूम में बाथरूम है और उसका दरवाजा बाथरूम की ओार खुलता है, तो ऐसे में बाथरूम के दरवाजे को हमेशा बंद करके रखें.
वास्तु के अनुसार, शौचालय और स्नानघर कभी भी एक में नहीं होना चाहिए. दोनों को अलग-अलग बनवाएं. वरना इससे कुंडली में राहु और चंद्र ग्रह कमजोर हो सकते हैं. स्नानघर घर की पूर्व दिशा में होना चाहिए और पानी का बहाव उत्तर की तरफ रखना चाहिए.
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