Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि का चौथा दिन मां कुष्‍मांडा को समर्पित, जानिए इनका प्रिय भोग और मंत्र

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि का चौथा दिन मां कुष्‍मांडा को समर्पित है. इस दिन आदिशक्ति दुर्गा माता की स्‍वरूप मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाती है. इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हुई है, इसलिए नवरात्रि के चौथा 12 अप्रैल, दिन शुक्रवार को पड़ रहा है. इस दिन भक्‍त मां कुष्मांडा की उपासना करेंगे. मां कुष्मांडा सृष्टि की निर्माण करने वाली देवी मानी जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां कुष्‍मांडा ने अपनी दिव्‍य मुस्‍कान से ब्रह्मांड का निर्माण किया था. ऐसे में आइए जानते हैं मां कुष्‍मांडा को प्रसन्‍न करने के लिए किन मंत्रों का जप करें और उन्‍हें भोग में क्‍या चढ़ाएं?

नवरात्रि के चौथें दिन करें पढ़ें यह श्‍लोक…

सुरासंपूर्णकलशं,रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां,कुष्मांडाशुभदास्तु मे।।

इस श्‍लोक का अर्थ है अमृत से परिपूरित कलश को धारण करने वाली और कमलपुष्प से युक्त तेजोमय मां कुष्मांडा हमें सब कार्यों में शुभदायी सिद्ध हो।।

माँ कुष्मांडा का मंत्र

1.या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता.नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

2.वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
सिंहरूढा अष्टभुजा कुष्माण्डा यशस्वनीम्॥

भास्वर भानु निभां अनाहत स्थितां चतुर्थ दुर्गा त्रिनेत्राम्।
कमण्डलु चाप, बाण, पदमसुधाकलश चक्र गदा जपवटीधराम्॥

पटाम्बर परिधानां कमनीया कृदुहगस्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर हार केयूर किंकिण रत्नकुण्डल मण्डिताम्।

प्रफुल्ल वदनां नारू चिकुकां कांत कपोलां तुंग कूचाम्।
कोलांगी स्मेरमुखीं क्षीणकटि निम्ननाभि नितम्बनीम् ॥

3.ॐ देवी कूष्माण्डायै नम:॥

मां कुष्मांडा बीज मंत्र 

ऐं ह्री देव्यै नम:

माँ कुष्मांडा देवी स्त्रोत

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
जगन्माता जगतकत्री जगदाधार रूपणीम्।

चराचरेश्वरी कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
त्रैलोक्यसुंदरी त्वंहि दु:ख शोक निवारिणाम्।
परमानंदमयी कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

माँ कुष्मांडा देवी कवच

हसरै मे शिर: पातु कूष्माण्डे भवनाशिनीम्।
हसलकरीं नेत्रथ, हसरौश्च ललाटकम्॥

कौमारी पातु सर्वगात्रे वाराही उत्तरे तथा।
पूर्वे पातु वैष्णवी इन्द्राणी दक्षिणे मम।
दिग्दिध सर्वत्रैव कूं बीजं सर्वदावतु॥

मां कुष्मांडा का भोग

मां कुष्मांडा को चढ़ाए जाने वाले भोग प्रसाद में आमतौर पर फलों और मिठाइयों के साथ-साथ कद्दू के बने व्यंजन, जैसे कद्दू का हलवा या सब्जी, शामिल होते हैं. ऐसे में आप कद्दू का हलवा जरूर अर्पित करें. एक धार्मिक मान्‍यता के अनुसार, कुष्मांडा माता को मालपुए अति प्रिय हैं इसीलिए नवरात्रि के चौथे दिन उन्हें मालपुए का भोग अर्पित करें. इससे मां आप पर प्रसन्‍न होंगी. मान्‍यता है कि मां कुष्मांडा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग दुख दूर होते हैं.  उनकी भक्ति से लंबी उम्र, यश, बल और आरोग्य की वरदान मिलता है.

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