Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि में क्यों बोया जाता है जौ, जानिए महत्व और उगाने का तरीका

Divya Rai
Divya Rai
Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Divya Rai
Divya Rai
Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Chaitra Navratri 2024: हिंदू धर्म में नवरात्रि (Navratri) के पर्व का विशेष महत्व है. नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित हैं. प्रत्येक वर्ष नवरात्रि का पर्व 4 बार मनाया जाता है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि होती हैं. हर नवरात्रि की अलग-अलग मान्यताएं होती है, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण होती है. इस साल चैत्र नवरात्रि 09 अप्रैल से शुरू हो रही है. नवरात्रि में कुछ भक्त नौ दिन का व्रत रखते है तो वहीं कुछ लोग प्रथम और अष्‍टमी के दिन व्रत रखते हैं.

ज्यादातर घरों में नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्‍थापना की जाती है. कलश स्‍थापना के दौरान जौ बोने का भी विशेष महत्व है. माना जाता है कि जौ के बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी है. लेकिन नवरात्रि में जौ क्यों बोया जाता है, इसका क्‍या महत्‍व है इसके बारे में बहुत लोगों को नहीं पता होता है. ऐसे में आइए आपको बताते हैं जौ बोने के रहस्य और इससे जुड़ी धार्मिक मान्यताओं के बारे में…

क्यों बोया जाता है जौ?

सनातन धर्म में जौ को देवी अन्नपूर्णा का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि जब भगवान ब्रह्मा ने ब्रह्मांड का निर्माण किया, तो वनस्पतियों के बीच उगने वाली पहली फसल जौ या ज्वार थी. इस फसल को पूर्ण फसल भी कहा जाता है. यही वजह है कि नवरात्रि के पहले दिन यानी कलश स्थापना के साथ ही जौ बोने का भी महत्व है. माना जाता है कि नवरात्रि में जौ बोने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और उनके साथ-साथ देवी अन्नपूर्णा और भगवान ब्रह्मा का भी आशीर्वाद मिलता है. मान्‍यता है कि बोए गए जौ के उगने के बाद उससे शुभ और अशुभ संकेतों का पता लगाया जाता है.

ये भी पढ़ें- Chaitra Navratri 2024 Diet: नवरात्रि व्रत में करें इन चीजों का फलाहार, दिनभर नहीं लगेगी भूख-प्यास

नवरात्रि में ऐसे उगाएं जौ

नवरात्रि में जौ को उगाने के लिए सबसे पहले जौ के बीजों को 6-8 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें. अब एक छोटा बर्तन या ट्रे लें और उसमें मिट्टी या बालू भर दें. आप चाहें तो बालू और मिट्टी को मिक्‍स कर के भी ले सकते हैं. इसके बाद भीगे हुए जौ के बीजों को मिट्टी पर समान रूप से छिड़कें और उन्हें मिट्टी या बालू की एक पतली परत से ढक दें. इसके बाद मिट्टी या बालू को धीरे से पानी दें, ध्यान रखें कि बीजों को नुकसान न पहुंचे. बर्तन या ट्रे को धूप वाले स्थान पर रखें, मिट्टी या बालू को पूरी तरह सूखने से बचाने के लिए नियमित रूप से उसमें पानी दें. कुछ ही दिनों में, आप पाएंगे कि जौ के बीज अंकुरित होने शुरू हो जाएंगे. अंकुरों को नियमित रूप से पानी देते रहें. और लगभग 7-10 दिनों में, आपके पास पूरी तरह से विकसित जौ के अंकुर तैयार होंगे.

Latest News

Pakistan: पाकिस्तान में आतंकियों ने यात्री वैन पर बरसाईं गोलियां, 38 लोगों की मौत, कई घायल

Pakistan News: पाकिस्तान से फिर बड़े आतंकी हमले की खबर आई है. बताया जा रहा है कि गुरुवार को...

More Articles Like This