Kalash Sthapana Puja Vidhi: नवरात्रि पर कैसे करें घटस्थापना? जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Chaitra Navratri Kalash Sthapana Pujan Vidhi: शक्ति उपासना के महापर्व चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 09 अप्रैल से हो रही है. नवरात्रि के पहले दिन यानी चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन मां दुर्गा की कलश स्थापना की जाएगी और नौ दिनों तक माता भगवती के नौ स्वरूपों की आराधना की जाएगी. अगर आप भी कलश स्थापना करने जा रहे हैं, तो आइए काशी के ज्योतिषाचार्य श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य से जानते हैं नवरात्रि पर कैसे करें कलश स्थापना…

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 

इस साल चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट से शुरू होगी, ये तिथि अगले दिन यानी 09 अप्रैल को संध्याकाल 08 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगा. उदयातिथि अनुसार नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो रही है. इसी दिन घटस्थापना भी की जाएगी. इस दिन घटस्थापना का पहला मुहूर्त सुबह 06 बजकर 02 से सुबह 10 बजकर 16 तक है. वहीं, दूसरा मुहूर्त अभिजित मुहूर्त – दोपहर 11 बजकर 57 – दोपहर 12 बजकर 48 तक है. इस मुहुर्त में कलश स्थापना करना सर्वोत्तम है. इस शुभ मुहूर्त में आप कभी कलश स्थापना कर सकते हैं.

कैसे करें कलश स्थापना?

नवरात्रि कलश स्थापना के लिए सबसे पहले पहले माता की चौकी उत्तर पूर्व दिशा में स्थापित करें. इसके बाद चौकी पर गंगाजल छिड़कर पवित्र कर चौकी को पवित्र कर लें, अब आप इस चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं. इसके बाद कलश में पवित्र गंगाजल भरें, इस कलश में आम के पत्ते, सुपारी, कुछ सिक्के, दूर्वा और हल्दी के गांठ डालें. फिर कलश पर लाल वस्त्र में नारियल लपेटकर रखें. ध्यान रहे कि कलश मिट्टी, सोना, चांदी या तांबा का होना चाहिए. लोहे या स्टील का कलश प्रयोग नहीं करना चाहिए.

अब आप एक मिट्टी का बर्तन लें और उसमें साफ मिट्टी रखें. अब इसमें कुछ जौ के दाने बो दें और उनपर पानी का छिड़काव करें, इसे चौकी पर स्थापित कर दें. दीप जलाकर गणपति, माता जी, नवग्रहों का आव्हान करें. फिर विधिवत देवी का पूजन करें.

‘या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:’ नवरात्रि के 9 दिनों तक देवी की सुबह शाम आरती करें और इस मंत्र का जाप करें.

अब आप मां दुर्गा की आराधना करते हुए उनका आह्वाहन करें. साथ ही दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. इस दौरान अखंड दीप जलाएं. ध्यान रहे कि इस दीपक की नियमित देखभाल करें और उसमें समय समय पर घी डालते रहें, ताकि अखंड दीपक नौ दिनों तक जलता रहे. कलश स्थापना के बाद नौ दिनों तक मां दुर्गा की नियमित पूजा आराधना करते रहें.

शुभ मुहूर्त का रखें ध्यान

काशी के ज्योतिषाचार्य श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य के अनुसार नवरात्रि में घटस्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करें, क्योंकि ये शक्ति की देवी का आह्वाहन है, गलत टाइम पर कलश स्थापना से मां दुर्गा नाराज हो जाती है. जिसका प्रकोप हमको झेलना पड़ सकता है. कलश स्थापना जहां स्थापित करना है वहां अच्छे से सफाई कर गंगाजल छिड़क कर ही कलश स्थापना करें. उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में कलश की स्थापना करना बेहद शुभ होता है.

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(Disclaimer: इस लेख में दी गई सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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