Navratri Bhog: नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को लगाएं इन चीजों का भोग, कभी नहीं आएगी दुख परेशानी

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Chaitra Navratri Bhog: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरुपों की पूजा की जाती है. ज्योतिष की मानें तो नवरात्रि के दौरान माता रानी को रोजाना उनके प्रिय भोग लगाए जाएं तो मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती है और अपने भक्तोें के सभी दुःख परेशानियों को दूर कर देती हैं. इस साल 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. जो 17 अप्रैल तक चलेगी. ऐसे में आइए जानते हैं मां दुर्गा के किस स्वरूप को कौन सा भोग लगाने से कैसा फल प्राप्त होता है.

पहले दिन का भोग

माता का पहला स्वरूप शैलपुत्री का है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इन्हें गाय के घी का भोग लगाना चाहिए. मां शैलपुत्री को घी का भोग लगाने से रोगों से मुक्ति पा आरोग्यता प्राप्त होती है तथा निरोगी काया मिलती है.

दूसरे दिन का भोग

मां का द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है. माता ब्रह्मचारिणी को चीनी का भोग लगाना शुभ होता है. इससे जातक को दीर्घायु मिलती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है.

तीसरे दिन का भोग

माता का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा का है, इन्हें दूध का भोग लगाया जाता है. मां चंद्रघंटा को नवरात्रि के तीसरे दिन दूध या दूध से निर्मित खीर, मिठाई आदि का भोग लगाने से धन की प्राप्ति और दुखों का नाश होता है.

चौथे दिन का भोग

माता का चौथा स्वरूप कूष्मांडा का है. माता कूष्मांडा को मालपुए का भोग लगाया जाता है. मां कूष्मांडा की पूजा से तेज बुद्धि कगे साथ-साथ निर्णय की क्षमता में भी वृद्धि होती है.

पांचवे दिन का भोग

माता का पांचवा स्वरुप स्कंदमाता का होता है. इसलिए नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है. इन्हें केले अति प्रिय होते हैं इसलिए केले का भोग लगाया जाता है जिससे अच्छा स्वास्थ्य और निरोगी काया प्राप्त होती है.

छठवें दिन का भोग

नवरात्रि के छठवे दिन जगत जननी मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरुप की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी की पूजा से बाह्य और आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि होता है. शारीरिक सुंदरता प्राप्त होने के साथ ही जीवन में मिठास आती है. कात्यायनी माता को पान और शहद का भोग लगाया जाता है.

सातवें दिन का भोग

मां दुर्गा का सातवां रूप माता कालरात्रि का है. माता को गुड़ का भोग लगाया जाता है. मां कालरात्रि की पूजा से संकटों से मुक्ति मिलती है और जीवन शोक मुक्त होता है.

आठवें दिन का भोग

मां दुर्गा का आठवां स्वरूप महागौरी का है. महागौरी की पूजा से संतान से जुड़ी सभी मनोकामना पूरी होती है. माता महागौरी को नारियल का भोग लगाया जाता है.

नौवें दिन का भोग

नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा विशेष रूप से की जाती है. मां सिद्धिदात्री की पूजा से जीवन में किसी तरह की सुख-सुविधाओं कमी नहीं रहती है. मां सिद्धिदात्री को हलवा पूड़ी और काले चने का भोग लगाया जाता है.

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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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