Chaitra Navratri: महानवमी का दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित, जानें इनका स्‍वरूप, प्रिय भोग और मंत्र

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Chaitra Navratri 2024, 9th Day: नवरात्रि का नौवां दिन आदिशक्ति की स्‍वरूप मां सिद्धिदात्री को समर्पित है. कल यानी अप्रैल को नवरात्रि की नवमी तिथि है. इस दिन मां सिद्धिदात्री की विधि पूर्वक पूजा अर्चना की जाएगी. माना जाता है कि सिद्धिदात्री माता की पूजा करने से ज्ञान, शक्ति, संपदा, विजय और मोक्ष की प्राप्ति होती है. दुर्गा मां का ये स्‍वरूप सर्व सिद्धियां प्रदान करने वाली है. ऐसे में आइए जानते हैं मां सिद्धिदात्री का स्‍वरूप, पूजा-विधि, प्रिय भोग और मंत्र…

सिद्धिदात्री माता का स्‍वरूप

मां सिद्धिदात्री कमल पर आ‍सीन होती हैं, हांलाकि इनका भी वाहन सिंह है. इनकी चार भुजाएं हैं. मां सिद्धिदात्री के दाहिनी हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा सुशोभित है. वहीं बायी ओर एक हाथ में शंख और दूसरे हाथ में कमल का पुष्प है. नवरात्रि के नौवें दिन विधि-विधान से सिद्धिदात्री माता की उपासना करने से सिद्धियां प्राप्‍त होती है. देवी सिद्धिदात्री को मां सरस्वती का भी स्वरूप माना गया है जो श्वेत वस्त्रालंकार से युक्त महाज्ञान और मधुर स्वर से अपने भक्तों को मोहित करती हैं.

इस मुहूर्त में करें पूजा

इस साल रामनवमी के दिन एक खास मुहूर्त बन रहा है. इस दिन 11:40 बजे से लेकर के 1:40 बजे के बीच में एक अभिजित मुहूर्त बन रहा है. इस बीच में मां सिद्धिदात्री की विधि पूर्वक पूजा करें. हालांकि इस दिन उपासना दिन में कभी भी किया जा सकता है. इसके बाद कन्या को भोजन खिलाएं.

चैत्र नवरात्रि 2024 नवमी तिथि

चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 01:23 बजे से शुरू होगी और समाप्ति 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03:14 बजे पर होगी. इस साल चैत्र नवरात्रि की महानवमी 17 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी. रामनवमी का मध्याह्न मुहूर्त दिन में 11:10 बजे से 01:43 बजे तक रहेगा. इस मुहूर्त में हवन करना बहुत शुभ होगा. इसी दिन चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण किया जाएगा. महानवमी को राम नवमी भी कहा जाता है. इस दिन प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है.

मां सिद्धिदात्री भोग

चैत्र नवरात्र के नौवें दिन माता सिद्धिदात्री को हलवा, पूड़ी, काले चने, मौसमी फल, खीर और नारियल का भोग लगाया जाता है.

मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि

माता रानी को प्रसन्न करने के लिए तिल का भोग अर्पित करें. कमल का फूल भी अर्पित करें. इसके बाद माता सिद्धिदात्री को हलवा, पूड़ी, मौसमी फल, काले चने,  खीर और नारियल का भोग चढ़ाएं. इस दौरान आपको ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. मां को सफेद रंग के वस्त्र चढ़ाएं क्‍योंकि माता सिद्धिदात्री को सफेद रंग अति प्रिय है.

पूजा मंत्र

ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।

मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र

ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।

सिद्धिदात्री प्रार्थना मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

मां सिद्धिदात्री स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

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