जीवित होकर भी मरे हुए के समान है अपकीर्ति वाला मनुष्य: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः जेब में से रुपये गिर जायें तो हमें खूब दुःख होता है,  किन्तु यदि खोने से पूर्व ही उसका किसी दुःखी मनुष्य की आंखों के आंसू पोंछने में उपयोग हो जाये तो हमें अनोखे आनन्द का अनुभव होता है। अर्थात् हमें जो प्राप्त है। वह खो जाय, इसके पूर्व ही किसी अच्छे कार्य में उसका उपयोग करके अर्पण का आनन्द प्राप्त करने में ही बुद्धिमानी है।
बस जिन्दगी में भी ऐसा ही है। एक-न-एक दिन संसार के राग-रंग खो ही जाने वाले हैं। जिस शरीर को हम खूब सजाकर रखते हैं, यह भी जल जाने वाला है। परन्तु उस समय तक यदि शरीर को सत्कर्मों में लगाने का सन्तोष प्राप्त न किया गया और शरीर का मोह कम न हुआ तो कुछ भी छोड़ने की तैयारी न होते हुए भी सब कुछ छोड़ने की विवश्ता में कितनी वेदना होगी। इसलिए इस दुर्लभ देह को खो देने की स्थिति आने के पूर्व ही परोपकार और प्रभु-सेवा में इसका सदुपयोग करते रहो।
वैभव आपको छोड़ जाय इसके पूर्व ही आप उसे छोड़ दो। अपकीर्ति वाला मनुष्य जीवित होकर भी मरे हुए के समान है। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
Latest News

सच्चे इंसान के रूप में जो आपको परिवर्तित करें वही है धर्म: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, धर्म वह नहीं है जो आपको बेहोश करे, धर्म...

More Articles Like This