Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भारतवर्ष में मनुष्य जीवन प्राप्त हो जाना बहुत बड़े पुण्य या ईश्वर की कृपा का फल है। बड़े भाग मानुष तन पावा। सुर दुर्लभ सब ग्रंथन्हि गावा।। श्रीगुरु नानक देव जी भी कहते हैं- ‘ दुर्लभ मानुष देह ‘। श्री कबीर दास जी भी कहते हैं- मानुष तन दुर्लभ अति मिले न बारम्बार।
सब ने कहा – मनुष्य का तन अति दुर्लभ है और क्षणभंगुर है। किसी भी समय पानी के बुलबुले की तरह फूट जायेगा। मनुष्य के दुर्लभ शरीर से भी ज्यादा दुर्लभ है ‘ बैकुण्ठ प्रिय दर्शनं ‘ भक्तों का, ज्ञानियों का दर्शन हो जाना।
बड़े भाग पाइय सत्संगा।
बिनहिं प्रयास होइ भवभंगा।।
इस संसार में संतों का संग थोड़ी देर के लिये भी मिल जाये तो भी जीव का कल्याण हो जाता है। एक घड़ी आधी घड़ी आधी में पुनि आध। तुलसी संगत साधु की कटे कोटि अपराध।। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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