भागवत कराने से पुत्र-पौत्र, धन-धान्य और ईश्वर की होती है प्राप्ति: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीमद्भागवत महापुराण कल्पवृक्ष है. भक्तों की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला है. भागवत कराने से सारे ग्रह अनुकूल हो जाते हैं, इससे तन-मन की सारी व्याधियां दूर हो जाती हैं. यह भगवान की सबसे बड़ी पूजा है. इससे भगवान प्रसन्न हो जाते हैं, मन की शुद्धि का सबसे उत्तम साधन है. कई जन्मों में किया गया जप, तप, पूजा-पाठ यज्ञ यागादि से जो फल प्राप्त होता है, वह फल जीवन में एक बार भागवत श्रवण करने से प्राप्त हो जाता है.

सभी साधनों का सार श्रीमद्भागवत का पूजन, पाठ और श्रवण मात्र है. भागवत कराने से पुत्र-पौत्र, धन-धान्य और ईश्वर की प्राप्ति होती है. भागवत कराने से सभी प्रकार के सांसारिक कष्टों से निवृत्ति होती है. कालगत, कर्मगत, स्वभावगत, देव दोष, गृह क्लेश, बाधा एवं वंश दोष इत्यादि से शांति प्राप्त होती है. जीवन का परम ध्येय हि भागवत का पूजन पाठ श्रवण और भगवान कृष्ण की भक्ति.

सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

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