Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, पसीने की कमाई ही परमात्मा को प्यारी लगेगी. भगवान श्री कृष्ण का सभी के प्रति अद्भुत सद्भाव था. अपने प्रति स्नेहभाव या सेवा भाव रखने वालों के प्रति उनका यह भाव रखना स्वाभाविक था, किंतु उनके अंतर में तो विष देने वाली पूतना, असंख्य अपशब्द कहने वाले शिशुपाल एवं हृदय पर पद प्रहार करने वाले भृगु के प्रति भी अद्भुत स्नेह भाव था.
जब भृगु ऋषि ने दौड़ते हुए आकर श्री भगवान के हृदय पर पद प्रहार किया, तो भगवान ने उनके चरण पकड़ बड़े प्रेम से कहा मेरा हृदय बहुत कठोर है और आपके चरण अत्यंत कोमल है. अतः मुझे पद प्रहार करने से आपके चरणों को बहुत कष्ट पहुंचा होगा, इसका मुझे बहुत दुःख है. कितना पवित्र भाव है. सर्व के प्रति कितना अद्भुत प्रेम!
छाती में लात मारने वाले के प्रति सद्भाव होगा, तभी भक्ति बढ़ेगी और तभी जीवन में शांति मिलेगी. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर(राजस्थान).
ये भी पढ़े: Gold Silver Price Today: दिल्ली-यूपी में सोने चांदी के भाव स्थिर, इंदौर में बढ़े दाम; जानिए भाव