अहंकार और ममता के कारण ही होता है सुख-दुःख का अनुभव: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ।।मन की धूर्तता।। सुख और दुःख का अनुभव अहंकार और ममता के कारण ही होता है. बिल्ली घर में आकर यदि चूहे को पकड़ ले जाती है, तो मनुष्य को दुःख नहीं होता, परन्तु वही बिल्ली यदि पाले हुए तोते को पकड़ ले जाती है, तो अत्यंत दुःख होता है. यहां तक कि हमें उस दिन भोजन भी अच्छा नहीं लगता.

इसका कारण यह है कि तोता में हमारी जो ममता बैठी है, वह चूहे में नहीं है. मन कहता है कि तोता मेरा है, चूहा नहीं. अर्थात मन ही ममता और अहंकार को पैदा करता है और मन ही सुख का अनुभव करता है. जहां ममता है, वहां हमारा चाहे कितना शोषण हो, कोई कष्ट नहीं होता, किन्तु जहां ममता नहीं है, वहां हम थोड़े-से कष्ट को सहन करने के लिए भी तैयार नहीं होते.

रात्रि को 10 बजे किसी साधु के लिए भोजन तैयार करने में कष्ट का अनुभव करने वाला मन, रात को 12 बजे बाद भी नेहर से आने वाले व्यक्ति को प्रेम से बुलाता है एवं उमंग से रसोई बनाकर आग्रह से भोजन कराता है. अतः मनुष्य का मन ही अहंकार और ममता की दीवारें खड़ी करके उसे कुमार्ग की ओर ले जाता है. जो दूसरों की देह-पुष्टि करता है,

उस पर परमात्मा की स्नेह-दृष्टि होती है. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर(राजस्थान).

ये भी पढ़े: Aaj Ka Panchang 23 February 2024: शुक्रवार का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

Latest News

Petrol Diesel Prices: पेट्रोल-डीजल ke दाम जारी, यहाँ चेक करें लेटेस्ट रेट

Petrol Diesel Prices: सरकारी तेल कम्पनियां प्रतिदिन सुबह 6 बजे पेट्रोल डीजल (Petrol-Diesel) के दाम जारी कर देती है. प्रतिदिन की...

More Articles Like This

Exit mobile version