Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, विदुर चरित- भगवान श्री कृष्ण का शांति दूत बनकर हस्तिनापुर पधारना, दुर्योधन ने भगवान से कहा तेरह वर्षों में हमने बहुत शक्ति अर्जित किया है, पांडव हमारा सामना नहीं कर सकेंगे। भगवान ने कहा दिखाओ अपनी शक्ति। दुर्योधन की भगवान को कैद करने की योजना पहले से थी। सिपाहियों ने अस्त्र-शस्त्र के साथ घेर लिया। भगवान ने कहा अब हमारी शक्ति देखो। हुंकार किया, सब बेहोश हो गये। विराट रूप दिखाया लेकिन पितामह आदि महापुरुष ही देख पाये।
विदुरानी जी कह रही हैं, भगवान आयेंगे। माताएं भावुक होती हैं। पतिव्रता माताओं में देवी का वास माना जाता है और राजस्थान का इतिहास पतिव्रता और सती माता के इतिहास से भरा है। भारत की माताएं पुरुषों से श्रेष्ठ हैं। बीड़ी, सिगरेट, शराब या जितने व्यसन हैं, पुरुषों में अधिक पाये जाते हैं।विदुरानी जी प्रतीक्षा में बैठी हैं, शबरी, मीरा सबमें प्रतीक्षा है। किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए तीन सूत्र हैं। प्रयास, प्रार्थना, और प्रतिक्षा। सफलता के लिए हम पूर्ण प्रयास करें, ईश्वर से प्रार्थना करें और थोड़ा धैर्य रखें, सफलता अवश्य मिलेगी।
सभी हरि भक्तों को तीर्थगुरु पुष्कर आश्रम एवं साक्षात् गोलोकधाम गोवर्धन आश्रम के साधु-संतों की तरफ से शुभ मंगल कामना। श्रीदिव्य घनश्याम धाम
श्रीगोवर्धन धाम कॉलोनी बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्रीदिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट, ग्रा.पो.-गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).