Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, पुण्य से स्वर्ग मिलता है, बहुत पाप से नरक मिलता है, मिश्रित कर्म से मानव जीवन और मृत्यु लोक की प्राप्ति होती है। राजा बलि ने अपने गुरु शुक्राचार्य की बड़ी सेवा की। ज्योतिष में भी गुरु परबल हो तो बाकी सब ग्रह शान्त हो जाते हैं, गुरु अगर केंद्र में हो। किं करिष्यन्ते गृहासर्वे यस्य केन्द्रे वृहस्पतिः।। गुरु का बल ही संसार में सबसे बड़ा बल हुआ करता है, इसलिए जिन्होंने गुरु का सहारा लिया, वो बराबर बढ़ते चले गये।
धन कमाओ और धन कमा करके सत्कर्म में भी लगाओ। अकर्मण्य मत बनो। राजा बलि ने घोषणा की थी, यज्ञ में जो- जो मांगेगा वही मिलेगा। वामन भगवान का चरित सुनने से लॉस प्रॉफिट में बदल जाता है। जिनके जीवन में हानि ही हानि हो रही है, ऐसे लोग भी वामन भगवान का मंगलमय चरित्र सुने,पूजन करें,वामन भगवान का स्मरण करें, तो हानि होना बंद हो जायेगा और उनका जीवन लाभ की तरफ बढ़ जायेगा। गई हुई संपत्ति वापस आ जाती है।
कल की कथा में श्री कृष्ण जन्म, एवं नन्दोत्सव की कथा होगी। सभी हरि भक्तों को तीर्थगुरु पुष्कर आश्रम एवं साक्षात् गोलोकधाम गोवर्धन आश्रम के साधु-संतों की तरफ से शुभ मंगल कामना। श्रीदिव्य घनश्याम धाम श्रीगोवर्धन धाम कॉलोनी बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्रीदिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट,ग्रा.पो.-गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).