जीवन की गाड़ी का संचालन यदि सुयोग्य ड्राइवर के हाथों में सौंपा गया तो कभी नहीं होगी दुर्घटना: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जीवन और विवेक- किसी भी वाहन का संचालन भार यदि सुयोग्य ड्राइवर के हाथों सौंपा जायेगा तो ही वह वाहन निश्चित मंजिल पर पहुँच सकता है और सभी दुर्घटनाओं से बच सकता है। ड्राइवर यदि सुयोग्य न हो तो वाहन निश्चित ध्येय के बदले दूसरी दिशा में चला जायेगा और मंजिल की दूरी कम होने के बजाय बढ़ जायेगी।
ड्राइवर यदि सुयोग्य न हो तो कभी भी, कहीं भी भयंकर दुर्घटना घट सकती है और वाहन का नाश हो सकता है। जीवन की गाड़ी का संचालन भी सुयोग्य ड्राइवर के हाथों में सौपना चाहिए। यह सुयोग्य ड्राइवर विवेक है। जीवन की गाड़ी का संचालन यदि विवेक के हाथों में सौंपा गया तो कभी दुर्घटना नहीं होगी, कभी जीवन में लक्ष्य के विपरीत परिणाम न होगा और जीवन के अन्तिम ध्येय शांति अर्थात् परमात्मा के पास अवश्य पहुंचा जा सकेगा।
मानव-देह में बैठी हुई आत्मा यदि विवेकपूर्ण व्यवहार करे तो स्वयं शांति प्राप्त करेगी ही, साथ-ही-साथ दूसरे अनेक व्यक्तियों को सुख-शांति पहुंचा सकेगी। मानव देह में बैठी हुई आत्मा विवेक से व्यवहार करे तो स्वयं नर से नारायण बना सकती है और दूसरों को बना सकती है। इसलिए जीवन का महत्व कम नहीं है। विवेक-रहित जीवन का अर्थ है – ड्राइवर हीन वाहन। परमार्थ सरल है, सद व्यवहार कठिन है।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

इसे भी पढें:-यूरोपीय संघ ने Meta पर लगाया 10.2 करोड़ डॉलर का जुर्माना, यूजर्स की सुरक्षा से जुड़ा है मामला

Latest News

सच्चे इंसान के रूप में जो आपको परिवर्तित करें वही है धर्म: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, धर्म वह नहीं है जो आपको बेहोश करे, धर्म...

More Articles Like This