इंद्रियों को यदि भगवद रस का स्वाद चखाया जाए, तो जगत के तमाम रस लगने लगेंगे फीके: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मिष्ठान्न और चाय- प्रत्येक वस्तु प्रभु को अर्पण कर दो और बाद में प्रभु की प्रसादी के रूप में ग्रहण करो। तुम्हारी इंद्रियों की शक्तियां सांसारिक विषयों में प्रवाहित होकर नष्ट-भ्रष्ट हो रही है। इन्हें इस तरह से नष्ट होने से रोको और प्रभु की तरफ इनका रुख करो। ऐसा करने पर इंद्रियों की संयमित एवं संगठित शक्तियों द्वारा।
आप प्रभु का प्यार जीत सकोगे। बरफी खाने के बाद यदि चाय पी जाए तो वह फीकी-फीकी लगती है न! बस, इसी तरह यदि इंद्रियों को भगवद् रस का स्वाद चखाया जाए तो आपको जगत की तमाम रस फीके लगने लगेंगे और तुम्हारी इंद्रियां विषयों के चंगुल में से छूट जाएंगी। इंद्रियों को प्रभु के मार्ग में लगाने का यही तरीका है। इस तरीके को अपनाकर जीवन में सुखी बनो।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।

 

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