मन पर काबू कर लेते हैं तो बढ़ जाते हैं आगे: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthanपरम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कुछ लोगों को अज्ञान दुःख देता है तो कुछ लोगों को ज्ञान का अभिमान दुःख प्रदान करता है। जगत नहीं, किंतु हम लोगों का मन बिगड़ा हुआ है। दुनियाँ में नहीं, हमारे मन में पाप व्याप्त हो गया है। जगत को सुधारने की चिंता करने के बजाय आप अपने मन को सुधारने की फिक्र करो। इस हेतु अपने मन को स्नेहपूर्वक समझाओ। मन यदि लौकिक वासनाओं में फंसेगा तो बिगड़ेगा, किंतु यदि वह प्रभु भक्ति की अलौकिक वासना में डूबेगा तो सुधरेगा।

मन ही मनुष्य का है शत्रु

मन ही मनुष्य का शत्रु है और वही उसका मित्र भी है। यदि मन के आधीन रहते हैं तो फिसल जाते हैं और यदि मन पर काबू जमा लेते हैं तो आगे बढ़ जाते हैं।सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर(राजस्थान).

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