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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, संपत्ति और शांति- पैसा कमाना कठिन है, किंतु उसका सदुपयोग करना और भी कठिन है। पैसे का सही उपयोग करते रहोगे, तभी शांति मिलेगी। अन्यथा बिना सदुपयोग के लक्ष्मी अभिशाप बन जाती है। याद रखो, लक्ष्मी भोग के लिए नहीं, अपितु सदुपयोग के लिए हैं।
आदमी चाहे जितना धनवान हो, फिर भी वह लक्ष्मी का पति नहीं बल्कि पुत्र है। लक्ष्मी को घर की माता की तरह रखोगे और उसका विवेक से उपयोग करोगे तो वह प्रसन्न होकर तुम्हें नारायण की गोद में बिठाएगी। किंतु यदि लोभी बनकर लक्ष्मी पर स्वामित्व करने जाओगे तो हिरण्याक्ष की तरह मारे जाओगे।
आँख और कान के दरवाजों पर सात्विकता के चौकीदार नियुक्त करके रखोगे कल्याण होगा। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).