कथा सुनने से भगवान में बढ़ जाता है आकर्षण: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, शिशुपाल रुक्मी का मित्र था, इसलिए रुक्मी का आकर्षण शिशुपाल की तरफ था।श्रीरुक्मणि देवी का आकर्षण भगवान की तरफ था, करण बचपन से उन्होंने देवर्षि नारद जी से भगवान की कथा सुनती थी। कथा सुनने से भगवान में आकर्षण बढ़ जाता है।
रुक्मिणी देवी ने भगवान द्वारकाधीश से विवाह का संकल्प किया था। शिशुपाल से रुक्मी ने विवाह निश्चित कर दिया। रुक्मिणी को किसी से पता लग गया, बहुत दुःखी हुईं।पूजा करने सुदेव नामक ब्राह्मण आते थे, उनके सामने रोने लगी, ब्राह्मण ने कहा पुत्री रोती क्यों हो? ससुराल तो कन्या को जाना होता है।
रुक्मिणी देवी ने सारी बात बताई, ब्राह्मण देवता पत्र द्वारिका ले गये और भगवान को कुण्डिनपुर ले आये। श्रीरुक्मिणीजी को बताया प्रभु आगे हैं। श्री रुक्मिणी जी ने ब्राह्मण के चरणों में सिर रख दिया। “प्रियन्नन्यन ननाम सा ” मधुर संकेत है कि जो व्यक्ति परोपकार करते रहते हैं, वे हर तरह से वंदनीय हैं और उनके यहां भगवती लक्ष्मी का अखण्ड वास होता है।
परहित बस जिनके मन माहीं। तिन कहं जग दुर्लभ कुछ नहीं।। ब्राह्मण अपनी जान हथेली पर लेकर गया था, कारण रुक्मी का कड़ा पहरा था लेकिन रुक्मिणी का आंसू पहुंचने के लिए ब्राह्मण ने ऐसा किया। जो दूसरों के लिए कुछ करते हैं, परमात्मा उनको सब कुछ दे दिया करते हैं। सखियों से घिरी हुई रुक्मिणी देवी गिरजा भवानी के मंदिर गईं,हाथ पैर को धोकर मंदिर में प्रवेश किया।” धौतपाद कराम्बुजा “
रुक्मिणी जी ने मां की पूजा की, मां की पूजा तत्काल फलवती होती है। पूजा करके मंदिर से बाहर आईं, वहां भगवान खड़े थे। रुक्मिणी देवी ने भगवान को वरमाला पहनाया। भगवान की लीला में रुक्मिणी हरण, वापस भीष्मक राजा के साथ रुक्मिणी जी का कुण्डिन आना, माधवपुर में भगवान श्री कृष्ण रुक्मणी जी का मंगलमय विवाह।
सभी हरि भक्तों को तीर्थगुरु पुष्कर आश्रम एवं साक्षात् गोलोकधाम गोवर्धन आश्रम के साधु-संतों की तरफ से शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम
श्रीगोवर्धन धाम कॉलोनी बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्रीदिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट, ग्रा.पो.-गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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