जो स्वयं को संकट में डालकर हमारे प्राण की रक्षा करे, उसी का नाम है माता: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भागवत माता, रामायण माता, गीता माता, भारत माता, जो स्वयं को संकट में डालकर हमारे प्राण की रक्षा करे, उसी का नाम माता है. गंदगी लगी हो तो पिता नहीं उठाता, नहला-धुलाकर, अच्छे वस्त्र परिधान पहनाकर, श्रृंगारकर, मां सजा कर, पिता की गोद में दे देती है.

भगवान तो कहते हैं- निर्मल मन जन सो मोहि पावा। मोहि कपट छल छिद्र भावा।। देवरानी, जेठानी के बच्चे से घृणा हो सकती है,  अपने बच्चों की गंदगी, गंदगी नहीं लगती.” श्री भागोत मुक्ति मुक्ति की दाता. जगत की माता गौ माता जो दूध देकर हमारी रक्षा करती हैं, गंगा माता जो जल देकर हमारी मुक्ति करती, भारत माता, जहां हम सब निवास करते हैं.

सभी हरि भक्तों को तीर्थगुरु पुष्कर आश्रम एवं साक्षात् गोलोकधाम गोवर्धन आश्रम के साधु-संतों की तरफ से शुभ मंगल कामना. श्रीदिव्य घनश्याम धाम, श्रीगोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्रीदिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट, ग्रा. पो. -गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

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