Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, घर में रहकर ही परमात्मा को प्राप्त करो. श्रीमद्भागवत महापुराण यह नहीं कहता है कि घर त्याग करोगे तभी भगवान प्राप्त होंगे. वह तो कहता है कि भगवान को प्राप्त करने के लिए घर छोड़ने की नहीं, अपितु घर के प्रति आसक्ति छोड़ने की आवश्यकता है. घर छोड़ने पर भी यदि आसक्ति बनी रही, तो दूसरा घर खड़ा हो जायेगा.
भागवत का उपदेश यह है कि घर मत छोड़ो, बल्कि घर को ही प्रभु का मंदिर बनाकर विवेक पूर्वक वहां रहो. तुम्हारे घर का मालिक तो भगवान है और तुम उसके एक सेवक हो ऐसी भावना पैदा करो. स्वामित्व की भावना में दुःख है. उसे छोड़ोगे तो सभी दुःख मिट जाएंगे. लक्ष्मी को छोड़ने की भी आवश्यकता नहीं, उसका स्वयं के लिए उपयोग करने की वृत्ति को छोड़कर सत्कर्म में उसका सदुपयोग करना चाहिए। इसी से भगवान प्रसन्न होते हैं. जो पाप से नहीं डरता, उसके मन को शांति नहीं मिलती.
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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