स्वयं के हाथों ही होगा अपना उद्धार: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जीवन गाड़ी के चालक परमात्मा- रात को चलने वाली रेल में चाहे सभी यात्री सो जाएं, पर क्या रेल का ड्राइवर सो सकता है? मध्य रात्रि को तेजी से दौड़ती हुई मोटर में चाहे सभी यात्री सोएं, किंतु क्या मोटर चलाने वाला सो सकता है? यदि ड्राइवर सो जाए तो गाड़ी की क्या दशा हो? भयंकर दुर्घटना हो और अनेक मुसाफिर जीवन से हाथ धो बैठे हैं।
बस यही बात जीवन गाड़ी की है। जीव मुसाफिर है और ईश्वर चालक है। जीव सोता है, तब परमात्मा रक्षा करता है। जीव भोजन करता है तो परमात्मा उसे पचाता है। यदि हम अपनी जीवन गाड़ी के ड्राइवर पर श्रद्धा रखकर जिंदगी का सफर करेंगे तो निश्चित ही लक्ष्य पर अवश्य पहुंचेंगे। अपना उद्धार स्वयं के हाथों ही होगा।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

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